गाजीपुर जिले में भी ह्दय रोगियों की संख्या कम नहीं हैं। लेकिन, यहां एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती नहीं हैं। कुछ निजी चिकित्सक बाहर से इलाज कराने के लिए आते हैं। जबकि ज्यादातर यहां एमडी ही ऐसे रोगियों का इलाज करते हैं। वहीं, हालत ज्यादा खराब होने पर मरीजों को रेफर भी कर दिया जाता है। जबकि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक अचानक होने वाली मौतों में दुर्घटना के बाद सबसे अधिक हार्टअटैक से होती हैं।
ह्दय रोग विशेषज्ञों की मानें तो हर नौंवा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, जबकि हर सातवां व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है। इसी तरह ध्रूमपान की लत एवं जीवन शैली लगभग हर चौथे व्यक्ति में असामान्य है। एंजियोग्राफी, एंजीयोप्लास्टी, बाईपास, पेसमेकर वाल्व तक पहुंचाना आम नागरिक की हद में नहीं है, लेकिन जागरूकता एवं हृदय रोगों के प्रति सतर्कता जीवन को बचाया जा सकता है।
वहीं, जिला अस्पताल के सीएमएस राजेश सिंह बताते हैं कि जनपद में कोई हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। यह कार्य एमडी ही कर रहे हैं। वे कहते हैं कि मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, नशा एवं संयमित जीवन शैली को यदि नियंत्रित करते हुए हृदय रोग से बच सकते हैं।
जिला अस्पताल के सीएमएस बताते हैं कि हार्ट अटैक आने पर ज्यादातर मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। प्राय: देखा गया है कि ऐसे मामलों में देरी के कारण मरीज की रास्ते में ही जान चली जाती है। 20 प्रतिशत ही मरीज अस्पताल पहुंच पाते हैं, जिनकी जान बचाने की कोशिश की जाती है। समय से अस्पताल पहुंचने पर मरीज की जान बच जाती है।
कोई भी लक्षण नजर आएं तो तत्काल उठाएं यह कदम
- -हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तत्काल अस्पताल पहुंचें।
- -हार्ट पेशेंट के लिए अटैक आने के बाद शुरुआती 30 मिनट से लेकर 1 घंंटा सबसे अहम होता है। समय पर उपचार से जान बच सकती है।
- -पेशेंट को उन अस्पतालों में ले जाना चाहिए जहां एंजियोग्राफी या सीटी स्कैन जैसी सुविधाएं हों।
- -ब्लड प्रेशर और हाई डायबिटीज के पेशेंट को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
वजन नियंत्रित रखें, रक्तचाप की दवा खाएं, मधुमेह नियंत्रित रखें, नशे की प्रवृत्ति से बचें, व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, प्राकृतिक एवं साधारण भोज पदार्थ का सेवन करें।