चिलचिलाती तेज धूप और उमसभरी गर्मी ने लोगों की जीवन में मुश्किलें पैदा कर दी हैं। इस हालत में, लोगों को न तो दिन में आराम मिल रहा है और न ही रात को शांति की नींद आ रही है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती और परेशानी पैदा कर रही है। धान की खेतों में दरारें पड़ रही हैं और इसके कारण किसानों की सिंचाई भी प्रभावित हो रही है। तापमान के अधिकतम और न्यूनतम दोनों में वृद्धि देखी जा रही है।
मानसून की बेरुखी के कारण सावन महीने में भी किसानों को बारिश की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस महीने में कुछ दिनों तक हल्की बारिश हुई, लेकिन ऐसा किसी दिन नहीं हुआ कि खेत अच्छी तरह से भर गए हों। सावन महीने में इस बारिश के बावजूद किसानों ने धान की फसल को बचाने के लिए प्रयास किया, लेकिन वर्तमान मौसम के चलते और ऊपर से बिजली की कमी के कारण मुश्किल में हैं।
इस परिस्थिति में, किसानों के सामने धान की सुरक्षा की समस्या उत्पन्न हो गई है। खेतों में दरारें पड़ रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले एक सप्ताह के दौरान कुछ बूंदाबांदी की संभावना है, लेकिन तेज बारिश की कोई संभावना नहीं है। शनिवार को अधिकतम तापमान 38.1 डिग्री और न्यूनतम 28.0 डिग्री दर्ज किया गया।