माफिया मुख्तार अंसारी के साथ-साथ रिश्तेदारों और गुर्गों पर शासन का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। एक सप्ताह के अंदर मुख्तार के साले सहित सात शातिर अपराधियों और सजायाफ्ता को प्रदेश के विभिन्न जनपदों के कारागार में भेजा गया है। ऐसे में किसी को कानपुर तो किसी को सोनभद्र और जिला कारागार इटावा के लिए रवाना किया गया है। अब भी जिला कारागार के विभिन्न बैरकों में करीब छह की संख्या में माफिया के खास बंद हैं।
शासन द्वारा बीते 21 अगस्त की देर शाम आए फरमान के बाद जेल प्रशासन ने दूसरे दिन 22 अगस्त की सुबह तक मुख्तार के पांच गुर्गों का जेल स्थानांतरण कर दिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से मुख्तार के करीबियों में खलबली मच गई है। मुख्तार के साले अनवर शहजाद को जिला कारागार से सोनभद्र जेल, अमित राय को कानपुर देहात जेल, जफर उर्फ चंदा को संतकबीर नगर जेल भेजा गया है।
इसके अलावा सरफराज उर्फ मुन्नी बस्ती जेल, जाकिर हुसैन उर्फ विक्की को जिला कारागार से जलौन- उरई जेल स्थानांतरित किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच इन्हें विभिन्न कारागार के लिए ले जाया गया। वहीं मुख्तार के गुरु हरिहर एवं गुर्गे भीम सिंह को भी अन्यत्र जनपदों के कारागार भेज दिया गया। दोनों सजायाफ्ता हैं। अस्सी के दशक में सैदपुर और करंडा सहित जिले के कई इलाकों में दहशत के पर्याय बने हुए थे।
दोनों सरगना वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। कुख्यात अपराधी भीम सिंह को अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। जबकि सैदपुर कोतवाली के मुड़ियार गांव निवासी रमपत सिंह हत्याकांड में हरिहर सिंह को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बीते 28 अगस्त को शासन के निर्देश पर दोनों कैदियों को बीते 29 अगस्त को कड़ी सुरक्षा के बीच इटावा जिला कारागार ले जाया गया।
अभी भी मुख्तार के करीब पांच से छह खास गुर्गें जिला कारागार में बंद हैं। इस संबंध में डिप्टी जेलर रविंद्र यादव ने बताया कि शासन के निर्देश कार्रवाई हुई है। 22 अगस्त को पांच बंदियों का स्थानांतरण प्रदेश के विभिन्न कारागार में हुआ। बीते 29 अगस्त को सजायाफ्ता भीम सिंह और हरिहर सिंह का स्थानांतरण इटावा जेल में हुआ।