सैदपुर क्षेत्र के धनईपुर गांव में शुक्रवार को कारगिल युद्ध में शहीद संजय यादव की 24 वीं पुण्य तिथि मनाई गई। इस मौके पर, सैदपुर के विधायक अंकित भारती सहित क्षेत्र के विभिन्न गणमान्य लोगों और कारगिल युद्ध में शहीद होने वाले अन्य जवानों के परिजनों ने शहीद संजय यादव की मूर्ति पर फूल चढ़ाया और उन्हें याद किया।
इस समय, कारगिल युद्ध और शहीद संजय यादव की भूमिका का वर्णन करते हुए वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत में कारगिल शहीद संजय यादव की पत्नी राधिका यादव, पुत्र गौरव यादव, भाई अजय यादव, सौरभ यादव, बाबा दुखरन यादव, कारगिल शहीद रामविलास यादव की पत्नी पुष्पा यादव, कारगिल शहीद शेषनाथ यादव की पत्नी सरोज यादव, संत घनश्यामाचार्य बालक स्वामी, और अन्य ने प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया और श्रद्धा अर्पित की।
पुण्यतिथि कार्यक्रम की सभा को संबोधित करते हुए संत घनश्यामाचार्य, जिन्हें बालक स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा कि गाजीपुर की धरती अमर शहीदों की जन्म भूमि है। यहां के नौजवानों ने कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी, परन्तु भारत मां की गरिमा और अखंडता पर कोई आँच नहीं आने दिया।
अमर शहीद संजय यादव ने कुमाउं बटालियन के 13वीं रेजीमेंट में सेवानिवृत्त होते हुए कारगिल युद्ध में 1 सितम्बर 1999 को भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, जिससे गाजीपुर की बलिदानी धरती का नाम पूरे देश में रोशन हुआ। हमें ऐसे वीर जवानों पर गर्व है। वह माता-पिता के धन्य हैं, जिन्होंने इस तरह के वीर सपूतों को जन्म दिया। गाजीपुर जनपद क्रांतिकारीयों की जन्म भूमि है, और यहां के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।
पुण्यतिथि कार्यक्रम में कुमांयु मंडल के 13वीं बटालियन के श्रीराम यादव, देवी प्रसाद यादव, सुरेन्द्र यादव, सुबेदार भवर सिंह, रामबली यादव, अशोक यादव, गनेश यादव, उदयभान यादव, बलवंत यादव, और सतेन्द्र यादव सत्या ने अपने भावनाओं को साझा किया। कार्यक्रम में लोकगीत गायिका चंचल यादव और इलाहाबाद के उमेश यादव ने वीर और करुण रस में लोकगीत प्रस्तुत किया, जिससे उपस्थित लोगों के दिलों में गर्माहट पैदा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान सुदर्शन यादव और संचालन भोला सिंह यादव ने की।