गाजीपुर में, हमीद सेतु के पास, मंगलवार को भ्रष्टाचार मुक्त भारत संगठन के दर्जनों सदस्यों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम अंसारी के नेतृत्व में गंगा नदी पर लगी सड़क लाइटों के न जलने और शहीद के नाम की गायब शिला पट्टिका को फिर से लगाने की मांग की। साथ ही पुल पर सीसीटीवी कैमरा, रेलिंग पर दोनों ओर जाली लगाने, और अन्य पांच सूचना मांगों के साथ एक-दिनीय भूख हड़ताल का आयोजन किया।
जब इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन तक पहुंची, तो वहां पर हडकंम्प मच गया। रजागंज पुलिस तक पहुंचकर लोगों से भूख हड़ताल को समाप्त करने की अपील की गई। हालांकि, लोग अपनी मांगों पर ठहरे रहे और उच्चाधिकारियों के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस सूचना को पुलिस ने उच्चाधिकारियों को पहुंचा दिया है। उच्चाधिकारियों के पहुंचते ही, नायब तहसीलदार सदर ने संगठन के सदस्यों को यह आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी
इसके बाद, लोगों ने डीएम को संबोधित करते हुए एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें एक हफ्ते के भीतर पूरी नहीं होतीं, तो वे अपने लोगों के साथ इस बार अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल की शुरुआत करेंगे। इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन को होगी। भ्रष्टाचार मुक्त भारत संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह कहा कि उन्हें शहीद की यह उपेक्षा, अधिकारियों द्वारा की जाने वाली, किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करने देंगे।
शहीद वीर अब्दुल हमीद की लगी गई गायब शिला पट्टिका
यह घटना दिखाती है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी लापरवाही के नतीजे के रूप में इस तरह के हादसों के बावजूद, पुलिस प्रशासन और सुरक्षा की कमी के बावजूद, सड़क पर लगाई गई स्ट्रीट लाइट्स को बनाए रखने में नाकाम रहे हैं। इन लाइट्स को जल्दी ठीक करने की मांग की जाती है। शहीद परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद के नाम के पुल के दोनों तरफ लगी गई गायब शिला पट्टिका को भी दशकों से गायब है।
पुल की रेलिंग के दोनों ओर लोहे की जाली और सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग की जाती है ताकि घटना होने से बचा जा सके। इस दौरान, नंदलाल, जयप्रकाश, इंद्रजीत, अनिल कुमार, सतेन्द्र, श्याम, पवन वर्मा, भरत यादव, श्रवण यादव, सुंदरम अग्रवाल, रितेश, और अन्य लोग मौजूद रहे।