गाजीपुर जिले के चार विकासखंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं के लिए छात्रावास और एकेडमिक ब्लाक का निर्माण करने का काम शुरू कराया जाएगा। इसकी स्वीकृति शासन द्वारा दी गई है और इसके लिए जमीन का चयन भी किया गया है। नियुक्त कार्यदायी संस्था द्वारा मिट्टी की जांच के लिए एक नमूना भी लिया गया है।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा सबसे संभावना कदम उठाया जा रहा है। इस क्रम में, जिले के सोलह में से चौदह विकासखंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का निर्माण कराया गया है। इन विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं को मुफ्त आवासीय शिक्षा प्रदान की जा रही है। आठवीं कक्षा के उत्तीर्ण होने के बाद रहने की समस्या को देखते हुए कई छात्राएं आगे की शिक्षा से वंचित हो जाती थीं। इस समस्या को समझकर उन्हें इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालयों का उच्चीकरण किया जा रहा है। इसके अंतर्गत, जिले के दस ब्लाकों में छात्रावासों का निर्माण भी कराया जा रहा है।
विभाग के अनुसार, इसमें छह विकासखंडों के हॉस्टल जल्द ही हैंडओवर कर दिए जाएंगे, जबकि शेष चार में ये निर्माण कार्यान्वित हैं। कासिमाबाद में एकेडमिक ब्लाक का निर्माणाधीन है, जबकि जखनिया में कार्य शुरू होने की योजना है। अब चार और ब्लाकों में सदर, मुहम्मदाबाद, बाराचवर, और भांवरकोल में छात्रावास के साथ ही एकेडमिक ब्लाक का निर्माण कराने की योजना है। इसके लिए सरकार से स्वीकृति प्राप्त है। छात्रावास की लागत दो करोड़ 49 लाख 65 हजार और एकेडमिक ब्लाक की लागत दो करोड़ 6 लाख 72 हजार से किया जाएगा।
जानकारी मिली है कि सदर में प्राथमिक विद्यालय बयेपुर देवकली प्रथम के परिसर, भांवरकोल में कंपोजिट विद्यालय मलिकपुरा, मुहम्मदाबाद में कंपोजिट विद्यालय कमालपुर लोधी तथा बाराचवर में बीआरसी के पास इनका निर्माण कराने की योजना है। मनिहारी ब्लाक में तीन किमी की दूरी पर कोई राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय न होने के कारण, वहां भी एकेडमिक ब्लाक के निर्माण की स्वीकृति मिली है। इस निर्माण के लिए, शासन द्वारा कार्यदायी संस्था का नामांकन किया गया है।
गाजीपुर जिले में शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े चौदह ब्लाकों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खोले गए हैं, जिनमें विद्यार्थियों के लिए सौ-सौ सीटें निर्धारित की गई हैं। इन सीटों में से 75 प्रतिशत सीटें पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाओं के प्रवेश के लिए आरक्षित हैं, जबकि बाकी 25 प्रतिशत सीटें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं के प्रवेश के लिए उपलब्ध हैं।
चार ब्लाकों में छात्रावास और एकेडमिक ब्लाक के निर्माण की शासन से मंजूरी प्राप्त है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सी एंड डीएस को सौंपी गई है और कार्यदायी संस्था की ओर से मिट्टी की जांच के लिए नमूना लिया गया है।