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जानें हरतालिका तीज कब है? तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व व पूजा विधि

Hartalika Teej Kab Hai: महिलाओं का प्रिय पर्व हरतालिका तीज का पावन पर्व आ रहा है। यह पर्व हर साल भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, और इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जिसका पारण दूसरे दिन किया जाता है। तीज, साल में चार बार आने वाली है, लेकिन हरतालिका तीज को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को अविवाहित लड़कियां भी अच्छे पति प्राप्ति के लिए आचरण करती हैं।

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भाद्रपद शुक्ल तृतीया को मनाया जाने वाला तीज व्रत भारतीय महिलाओं के लिए एक प्रमुख और कठिन व्रत माना जाता है, जिसे विवाहित महिलाएं ही नहीं बल्कि अविवाहित लड़कियां भी मानती हैं। यह पर्व विशेष रूप से यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, और कई उत्तर-पूर्वी राज्यों में आस्था और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

हरतालिका तीज पर भगवान शिव, माता पार्वती, और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। हरतालिका व्रत निराहार और निर्जल होता है, जिसका मतलब है कि इस व्रत के दौरान महिलाएं सुबह से लेकर अगले दिन सुबह सूर्योदय तक जल भी नहीं पी सकती हैं। विवाहित महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत बिना अन्न-जल के चौबीस घंटे तक करती हैं।

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हरतालिका तीज, भारतीय विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह तीज, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है और इसे हरियाली तीज या श्रावणी तीज भी कहा जाता है। हिंदू धर्म के प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। हरतालिका तीज को एक दृढ़ संकल्प का प्रतीक और अखंड सौभाग्य की कामना का पवित्र व्रत माना जाता है।

यह जाना जाता है कि यह व्रत बहुत कठिन होता है, क्योंकि इसे निर्जल और निराहार रूप से आचरण किया जाता है। सुहागिनें इस व्रत को अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत और पूजा करती हैं। तो आइए जानें कि इस साल हरतालिका तीज की तिथि क्या है 2023 (Hartalika Teej Ki Tithi Kab Hai 2023) 

2023 में हरतालिका तीज व्रत की तिथि क्या है? (When is Hartalika Teej Vrat Date in 2023?)

हरतालिका तीज, हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, इसलिए इस साल 18 सितंबर, 2023 को हरतालिका तीज व्रत आयोजित होगा।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त टाइम 2023 (Hartalika Teej 2023 Shubh Muhurat)

  • भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि आरंभ - 17 सितंबर 2023, सुबह 11:08 बजे
  • भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि समाप्त - 18 सितंबर 2023, 12:39 बजकर
  • हरतालिका तीज मुहूर्त - सुबह 06:07 से 08:34 बजे तक (18 सितंबर 2023)
  • प्रदोष काल मुहूर्त - शाम 06:23 से 06:47 बजे तक

हरतालिका तीज 2023 के शुभ योग (Hartalika Teej 2023 Shubh Yoga)

इस साल हरतालिका तीज का व्रत रवि योग और इंद्र योग के संयोग में मनाया जाएगा. यहां एक विशेष बात है कि हरतालिका तीज का दिन सोमवार को पड़ रहा है, जोकि भगवान शिव को समर्पित होता है। इसलिए हरतालिका तीज की पूजा से महादेव बहुत प्रसन्न होंगे।

सोमवार का दिन

इंद्र योग - 18 सितंबर 2023, सुबह 04.28 बजे - 19 सितंबर 2023, सुबह 04.24 बजे

रवि योग - 18 सितंबर 2023, 12.08 बजे - 19 सितंबर 2023, सुबह 06.08 बजे

हरितालिका तीज 2023 पूजा विधि (Hartalika Teej 2023 Puja Vidhi)

हरतालिका तीज पर, विवाहित और अविवाहित लड़कियाँ भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा करने से पहले, व्रत का संकल्प लेते हैं, फिर भगवान की चौकी सजाते हैं। भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्तियाँ चौकी पर रखी जाती हैं, और जल का कलश भी स्थापित किया जाता है। फिर, चंदन, धूप, दीप, और नैवेद्य के साथ भगवान को भोग लगाया जाता है, और मिठाई भी अर्पित की जाती है। 

सुहाग का सामान माता पार्वती को दिया जाता है, और मंगल कामनाएँ की जाती हैं। इसके बाद, भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के बाद विधि विधान से आरती उतारी जाती है। इस दिन, महिलाएं सुहाग के सामान से खुद को सजाती हैं, हाथों पर मेहंदी लगाती हैं और चूड़ियाँ पहनती हैं।

  • हरतालिका तीज में भगवान श्रीगणेश, भगवान शिव, और माता पार्वती की आराधना की जाती है।
  • प्रारंभ में, मिट्टी से तीन मूर्तियाँ बनाएं और फिर भगवान गणेश को तिलक लगाकर दूर्वा को अर्पित करें।
  • फिर, भगवान शिव को फूल, बेलपत्र, और शमिपत्री से अर्पित करें, और माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री से सजाएं।
  • तीनों देवताओं को वस्त्र देंने के बाद, हरितालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
  • फिर, श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करने के बाद भोग चढ़ाएं।

हरतालिका तीज व्रत का पौराणिक महत्व (Mythological Significance of Hartalika Teej)

पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती के पिता हिमालय ने उनका विवाह भगवान विष्णु से करने की प्रस्तावना की थी, लेकिन माता ने इस प्रस्ताव को मना कर दिया क्योंकि वह भगवान शिव से ही विवाह करना चाहती थी। एक दिन, देवी पार्वती की सहेली ने उसे भगवान शिव से विवाह करने के लिए तपस्या करने का सुझाव दिया। 

माता पार्वती ने तपस्या का संकल्प लिया और रेत से एक शिवलिंग बनाया और गहरी तपस्या में लग गई। उन्होंने तपस्या के दौरान ना तो खाना खाया और ना ही पानी पीया। इसके परिणामस्वरूप, भगवान शिव पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन दिया। इसके बाद, भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह करने का वचन दिया। इसी घटना को स्मरण करते हुए हरतालिका तीज का पावन पर्व मनाया जाता है।

कैसे पड़ा हरतालिका तीज व्रत का नाम (Hartalika Teej Vrat Katha)

हरतालिका तीज व्रत की कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने मन ही मन भगवान शिव को अपने पति मान लिया था, लेकिन उनके पिता ने उनका विवाह भगवान विष्णु से कर दिया था। इस पर्व के बारे में एक पौराणिक कथा बताती है कि देवी पार्वती की सहेलियां उन्हें अपहरण करके जंगल में ले गईं, जहां माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की, भूखे-प्यासे रहकर साधना की।

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को माता पार्वती ने मिट्टी से एक शिवलिंग बनाया और उनकी पूजा की। भगवान शिव माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी स्वीकार कर लिया। देवी पार्वती की सहेलियां उनका हरण कर जंगल में लाई थीं, इसलिए इस व्रत को 'हरतालिका तीज' के नाम से जाना जाता है।

निष्कर्ष: Conclusion

हरतालिका तीज एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जिसे विवाहित महिलाएं अपने पतियों के भलाई और दीर्घायु के लिए मनाती हैं। विवाहित महिलाएं निर्जला (बिना पानी) व्रत रखती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती को आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा करती हैं। तीसरे दिन चाँद की पूजा और देखकर और चाँद को अर्पण करने के बाद व्रत तोड़ा जाता है। 

पारंपरिक तीज पूजा अनुष्ठान शिव और पार्वती की मूर्तियों को नहलाने, उन्हें भोग देने और देवी की प्रतिनिधित्व करने वाले गोलियों के साथ पूजा क्षेत्र का प्रदक्षिणा करने से बनता है। महिलाएं मेहंदी से सजती हैं, हरा रंग के कपड़े पहनती हैं और लाल चूड़ियां पहनती हैं। तीज त्योहार का महत्व सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।

FAQs

हरतालिका तीज 2023 कब है?

इस वर्ष हरतालिका तीज व्रत 18 सितंबर 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा।

हम हरतालिका तीज क्यों मनाते हैं?

यह त्योहार हिन्दू धर्म में विवाहित महिलाओं द्वारा उनके पतियों की लंबी उम्र और खुशियों की कामना के लिए मनाया जाता है।

हरतालिका के पीछे का कारण क्या है?

मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने 108 पुनर्जन्मों के बाद देवी पार्वती के साथ विवाह का निर्णय लिया था।

हरतालिका तीज में किस देवी-देवता की पूजा होती है?

हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है।

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