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गाजीपुरियों ने डेंगू के मच्छरों को खूब बचाया - Ghazipur News

गाजीपुर जनपद में डेंगू के डंक से प्रभावित होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, पूर्वांचल में इस मामले में मिर्जापुर और वाराणसी के बाद, गाजीपुर जनपद तीसरे स्थान पर है, जहां सबसे अधिक लोग डेंगू के डंक से प्रभावित हो रहे हैं।

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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस समय 98 एक्टिव केस सामने आए हैं। हालांकि इनमें करीब 86 लोग ठीक हो चुके हैं। लेकिन, रोजाना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में ही 6 नए केस सामने आए हैं। जिला अस्पताल से चार मरीजों का डिस्चार्ज हो गया है, लेकिन मच्छर जनित रोगों के कारण अस्पताल में बेडों की भरमार है।

जनपद में मच्छर जनित रोगों से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या अब क्षमता से अधिक हो रही है। सभी बेडों पर वायरल बुखार, डेंगू, और मलेरिया जैसे बीमारियों के लक्षण प्रकट हो रहे हैं। सोमवार तक, 98 मरीजों के डेंगू से प्रभावित होने की पुष्टि हुई है।

हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इनमें से 86 ठीक हो गए हैं, लेकिन जिला अस्पताल में स्थिति विपरीत है। डेंगू वार्ड पूरी तरह भर गया है, और अन्य वार्डों में भी बेड की कमी के चलते जुगाड़ किया जा रहा है। इसके कारण, अब मरीजों को होम आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है।

आंकड़ों के अनुसार, पूर्वांचल के जिलों में डेंगू के डंक से प्रभावित होने वालों में जनपद के लोग तीसरे स्थान पर हैं। रविवार तक के आंकड़ों के अनुसार, पूर्वांचल में सबसे अधिक मिर्जापुर में 150 और वाराणसी में 125 लोग डेंगू से पीड़ित हैं, जबकि जनपद तीसरे स्थान पर है। यहां, एक दिन पहले तक 92 एक्टिव केस सामने आए थे, लेकिन सोमवार को यह संख्या बढ़कर 98 हो गई है।

अब तक 3 हजार घरों की जांच की गई, और 682 स्थानों पर लार्वा पाया गया है

जनपद में लोगों को डेंगू से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। साथ ही, पांच टीमें गठित की गई हैं, जो अब तक 3812 घरों पर दस्तक दे चुकी हैं। यह टीम रोज़ाना करीब चार सौ घरों तक पहुँच रही है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 682 स्थानों पर लार्वा मिला है। इनमें 212 लार्वा कूलर के एकत्र पानी में मिले हैं, जबकि 153 फ्रीज और 18 लार्वा गमलों में मिले हैं। यही नहीं, 148 लार्वा पानी भरे बर्तन (बाल्टी, ग्लास) और टायरों में एकत्र पानी में मिले हैं। सबसे ज्यादा संक्रमण सकलेनाबाद, स्टेशन रोड़, पुलिस लाइन क्षेत्र में हैं। इन क्षेत्रों को स्वास्थ्य विभाग ने 'हॉट स्पॉट' घोषित कर दिया है। दूसरी ओर, नगर में कई स्थानों पर कूड़ों का भरमार हो रहा है।

क्या करें

  • पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवाएं, मच्छरों को रोकें।
  • व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • सुअर/जानवर बाड़ों की नियमित सफाई करें और उन्हें घर से दूर रखें।
  • पानी की टंकी को ढंक कर रखें।
  • फूलदान, गमले, और कूलर के पानी को साप्ताहिक अंतराल पर बदलते रहें।
  • नालियों की साफ-सफाई बनाए रखें और अपशिष्ट पदार्थों को उचित तरीके से निस्तारित करें।

इसे करने से बचें

  • इसे करने से बचें
  • खुले में शौच करना।
  • घर और कार्य स्थल के आस-पास पानी जमा होने नहीं देना।
  • सुबह और शाम के समय घर के खिड़की-दरवाजों को बंद रखना।
  • पुराने और खराब सामान को छत पर न रखना।
  • पुराने टायर, प्लास्टिक के कप, फ्रिज की ट्रे, बोतलें, कबाड़, और फूलदानों में पानी इकट्ठा न होने देना।
  • बुखार आने पर लापरवाही न करना और बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाओं का सेवन नहीं करना।

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