मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए थानों और तहसील स्तर पर जनसुनवाई की प्रारंभ की थी। हालांकि, थानों पर लोगों की सुनवाई में कई समस्याएँ थीं, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोगों को अपनी शिकायतें पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी के पास लेकर जाना पड़ता था।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री गोरखपुर और लखनऊ में आम जनता की समस्याओं का भी सुनते हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से देखा है और यह निश्चित करने के लिए दिशा दी है कि अधिक से अधिक लोगों को थानों और जिला स्तर से राहत मिले। आमतौर पर, लोग पुलिस अधीक्षक के पास जाते हैं और शिकायत करते हैं कि थाने पर उनकी सुनवाई नहीं हुई।
अब न कोई फरियादी झूठ बोल सकेगा, और न ही कोई थानेदार। क्योंकि अब सुबह 10 से 12 बजे के बीच, जनपद के सभी 27 थानों के थानेदार गूगल मीट के माध्यम से सीधे पुलिस अधीक्षक से जुड़े रहेंगे। यदि कोई फरियादी कहता है कि उसकी थाने में सुनी नहीं गई, तो तुरंत उसकी बात थानेदार से सुनवाई कराई जाएगी, और यदि शिकायत साबित होती है तो थानेदार के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
वर्तमान में, जनपद स्तर पर गूगल मीट के माध्यम से फरियादी, पुलिस अधीक्षक, और थानों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसका आने वाले समय में कितना प्रभावी होगा, यह आगे का चर्चा विषय है, लेकिन यह संकेत देता है कि थानेदारों की जवाबदेही में सुधार की एक अच्छी कदम हो सकती है।