हापुड़ में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ, उत्तर प्रदेश के बार काउंसिल के आह्वान पर, जिले के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहे। सिविल बार संघ के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए अपनी मांगों को लेकर आवाज उच्च की। उन्होंने साथ ही सरकार के पुतले को फूंककर विरोध किया।
सिविल बार संघ के जिलाध्यक्ष सुधाकर राय ने घटना की निंदा करते हुए यह कहा कि अधिवक्ता आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की गई है। उनकी मांग है कि हापुड़ के डीएम और एसपी को तुरंत स्थानांतरित कर दिया जाए, और दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रदेश भर में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के खिलाफ मनगढ़ंत झूठी कहानियों के साथ दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही अधिवक्ता प्रोटेक्शन अधिनियम के प्रावधानों का पालन करके हापुड़ में घायल अधिवक्ताओं को मुआवजा दिलाने की मांग की।
उन्होंने गंभीरता से सोचने की अपील की और उम्मीद की कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। वे यह भी कहते हैं कि अगर 14 सितंबर के बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना जाता है, तो वे उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के दिशा-निर्देशों के अनुसार आन्दोलन का आयोजन करेंगे। आज, उत्तर प्रदेश सरकार के पुतले को भी फेंका गया, जिसमें सिविल बार के अधिवक्तागण सुधाकर राय और महासचिव रतनजी श्रीवास्तव शामिल थे।