गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र में स्थित खालिसपुर गांव के पास, रविवार की शाम को बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से 200 से अधिक भेड़ों और चरवाहे की मौत हो गई। जब यह खबर देर रात सूचना पर पुलिस के ज्ञात हुई, तो वे मौके पर पहुंची। हादसे के कारण कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ, और ट्रेनों को कॉसन के सहारे गुजाराया गया।
बिहार के बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र में स्थित नागपुर गांव के निवासी राम प्रसाद पाल (70) खालिसपुर गांव से भेड़ों को लेकर रेलवे ट्रैक के किनारे थे। लगभग साढ़े सात बजे, गोदिया एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से भेड़ें कटने लगीं। इस घटना के दृश्य को देखकर राम प्रसाद पाल बेहोश हो गए, और वह खुद भी ट्रेन की चपेट में आ गए।
इससे उनकी भी मौत हो गई। उसके बाद, जब सूचना मिली, रेलवे विभाग तत्पर बन गया और इस रूट की कई ट्रेनों को रोक दिया गया। जांच के बाद, कॉसन पर ट्रेनें वाराणसी के लिए बहाल की गईं। मौके पर पहुंची पुलिस ने देर रात ग्रामीणों की सहायता से भेड़ों के शवों को ट्रैक से हटवाया और चरवाहे के शव को कब्जे में लिया, और परिजनों को सूचना दी। गाजीपुर सिटी स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक एसएन सिद्दीकी ने बताया कि इस घटना के दौरान नोनहरा के पास लाइन क्रॉसिंग था। इससे करीब 30 मिनट तक ट्रेनें लेट हुईं और कुछ ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ।