डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने गाजीपुर की गायत्री राय को राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि सन् 2013 में उन्होंने प्राथमिक विद्यालय रसुलपुर बेंलवा में नौकरी शुरू की थी, तब विद्यालय में सिर्फ 20 बच्चों का ही नामांकन था और बैठने के लिए केवल एक कुर्सी और खाली पूरा भवन ही था।
बच्चों के नामाकंन में प्राइवेट स्कूल का बड़ा अवरोधक साबित हो रहा था। उनके उत्कृष्ट कौशल को प्रकट करने के लिए हमने उनके साथ स्थानीय भाषा भोजपुरी में बातचीत करके और उन्हें आत्मीयता की शिक्षा देकर और खेलकूद की भावना के साथ खुद को जोड़ने का प्रयास किया गया। कोरोना काल के दौरान, गांव के प्रधान और अन्य जागरूक ग्रामीणों के सहयोग से हमने मोहल्ला क्लास आयोजित किया और बच्चों को शिक्षा प्रदान की। इससे स्थानीय बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ हमने उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया।
विद्यालय में 120 बच्चों की नामांकन हुई
जिससे अब अभिभावक लगातार अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे और हमने उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की। कक्षा पांच के शिक्षा स्तर और गुणवत्ता को देखकर अब अभिभावक भी प्रभावित हुए हैं, और अब वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल की बजाय हमारे प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने का इच्छुक हैं। इसका परिणाम है कि आज हमारे विद्यालय में 120 बच्चों की नामांकन हो चुकी है और सहयोग के तहत दो शिक्षक भी जुड़ गए हैं।
11 विद्यालयों के शिक्षकों का चयन जनपद से हुआ
साथ ही उन्होंने बताया कि इस राज्य पुरस्कार के लिए 11 विद्यालयों के शिक्षकों का चयन जनपद से किया गया, जिसमें आखिरकार तीन विद्यालय - सदर, सादात, और बिरनो, के शिक्षकों को चुना गया। इस चयन को परियोजना में साक्षात्कार के आधार पर राज्य पुरस्कार के लिए किया गया।