यश भारती और गाजीपुर गौरव पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात समाजशास्त्री, पूर्व कुलपति, कवि, लेखक और समाजवादी चिंतक प्रो. सत्यमित्र दूबे का बीती रात नोएडा में निधन हो गया। उनके निधन की खबर लगते ही जनपद में शोक की लहर है। ददरी घाट निवासी प्रो.सत्यमित्र दूबे की प्रारंभिक पढ़ाई गाजीपुर में हुई थी। इसके बाद आगे की पढ़ाई लखनऊ विश्वविद्यालय से की।
इनका छात्र जीवन उपलब्धि पूर्ण रहा। गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्राध्यापक और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर, अध्यक्ष एवं कुलपति के रूप में किए गए कार्य इतिहास रचते रहे। वह समाजशास्त्र के अंतर्राष्ट्रीय विद्वान रहे। समाजशास्त्र की डेढ़ दर्जन पुस्तकें अपने विषय के मानक ग्रंथ हैं।
प्रो. सत्यमित्र दूबे की कविताएं और ललित निबंध हिंदी की प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित और चर्चित हैं। कई पुरस्कार मिल चुके हैं। प्रो. सत्यमित्र दूबे की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के चहेतों में होती थी। सपा सरकार यश भारती सम्मान से भी इन्हें सम्मानित किया गया था। जबकि इसके पहले उन्हें साहित्य चेतना समाज के 27वां वार्षिक एवं पुरस्कार वितरण समारोह 'गाजीपुर गौरव' सम्मान से सम्मानित किया गया था।
कई वर्षों से वह नोएडा में ही मकान बनवाकर रहते थे। लेकिन, गाजीपुर से उनका गहरा नाता था। इसका अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि वे अपने सोशल साइट्स के अकाउंट को गाजीपुर के ही पते से चलाते थे और गाजीपुर के लोगों से फोन पर हमेशा जुड़े रहते थे।