त्योहार के करीब आते ही, लोहे की कीमतों में एक तेजी आ गई है। 1 सितंबर से अब तक, सफेद चादर के भाव में प्रति टन तक आठ सौ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके पीछे का कारण यह है कि बहुत से लोग अपने निर्माण कार्यों को शुरू करने के लिए नवरात्र का इंतजार कर रहे हैं।
इसके साथ ही, जिनके घर निर्माण के अंत में हैं, उन्हें गेट, ग्रिल, सरिया, और एंगल जैसी चीजें भी चाहिए। इसलिए, फैंसी आइटमों की मांग भी बढ़ गई है। कारोबारी के अनुसार, त्योहारों भर यह तेजी से बढ़ती रहेगी। सितंबर की शुरुआत में, सरिया का भाव 6,200 रुपये प्रति क्विंटल था, जो बढ़कर 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सफेद चादर, जिसकी मूल मूल्य 7,400 रुपये प्रति क्विंटल थी, अब 9,350 रुपये पर पहुंच गई है।
हालांकि क्वाइल एच आर और स्ट्रक्चर वाले लोहे में वृद्धि दर थोड़ी कम है। क्वाइल एच आर 5,450 रुपये से 5,850 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई है, और स्ट्रक्चर वाला लोहा 5,750 से 6,200 रुपये पहुंच गया है। लोहा कारोबारी अजीत जैन के मुताबिक, जून माह में सरिया की कीमत काफी कम थी, इसलिए अब इसे वापस बढ़ रहे हैं।
इंगट की बात की जाए तो 29 जुलाई को थोक बाजार में यह 4,300 रुपये प्रति क्विंटल था जो आज 28 सितंबर को 4,650 रुपये हो चुका है। उस समय इसके भाव 5,200 रुपये प्रति क्विंटल थे जो आज 6,250 रुपये हो चुके हैं। लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष मणिकांत जैन के मुताबिक इस वृद्धि को बहुत ज्यादा नहीं कहा जा सकता क्योंकि कुछ माह पहले भाव काफी नीचे आ चुके थे। इसलिए अब भाव वापस बढ़ रहे हैं।
इसके पीछे का कारण सरकारी परियोजनाओं में निर्माण का बढ़ना भी है। वहीं लोहा कारोबारी उमंग अग्रवाल के मुताबिक जी 20 की बैठक के बाद लोहे के कई देशों में निर्यात शुरू होने की उम्मीद है। साथ ही कोयले की कीमतें भी बढ़ रही हैं, और स्थानीय मांग भी बढ़ी हुई है। इसलिए यह प्रभाव दिखाई दे रहा है।