69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित बीएड योग्यताधारी शिक्षकों ने ब्रिज कोर्स पूरा कराने के लिए आवाज उठाई है। इन बीएड योग्यताधारी परिषदीय शिक्षकों ने बलिया सांसद से मिलकर केवल ब्रिज कोर्स पूरा कराने की मांग ही नहीं की, बल्कि इसके अलावा विभाग की अस्थिर नीतियों को भी निष्कर्ष दिखाया।
सांसद को प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव के माध्यम से बीएड योग्यताधारी शिक्षकों ने बताया कि 2018 में, उन्हें 60000 शिक्षक भर्ती में शामिल किया गया था। इसके लिए, एनसीटीई ने अपने गजट में संशोधन किया था, जिसके बाद बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के 2 वर्ष के भीतर 6 महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करने के बाद ही प्राथमिक शिक्षक के रूप में मान्यता दी जाने का प्रावधान किया था।
आरोप लगाया गया है कि 69000 शिक्षक भर्ती के बाद 2 वर्ष से अधिक समय बीत गया है, लेकिन विभाग की लापरवाह व्यवस्था के कारण बीएड योग्यताधारी शिक्षकों का अब भी ब्रिज कोर्स पूरा नहीं हुआ है। सांसद से मिलकर ब्रिज कोर्स पूरा कराने के संबंध में बीएड योग्यताधारी शिक्षकों ने अपनी दुखभरी बात की है। जानकारी दी गई है कि पूर्व की भर्तियों और नियमों के अनुसार, 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्त बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को स्थायी सेवायोजन के लिए अब तक कोई सेवारत प्रशिक्षण (6 महीने का ब्रिज कोर्स) नहीं मिला है, जबकि विभाग द्वारा पूर्व से यही प्रथा चलाई जा रही है।
प्राथमिक सेवा संवर्ग में बीएड को शामिल करने के लिए एनसीटीई द्वारा दी गई अनुशंसा में ब्रिज कोर्स का महत्वपूर्ण हिस्सा होने के बावजूद, वर्तमान में एनसीटीई के पूर्व दिए गए मार्गदर्शनों और हाल के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के कारण, बीएड योग्यताधारी शिक्षकों के बीच तनाव है। शिक्षकों ने सांसद से आग्रह किया है कि 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत शामिल बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाने और ब्रिज कोर्स को तुरंत पूरा करवाने के लिए प्रथम कदम उठाया जाए।
इस अवसर पर प्रमोद कुमार सिंह, अकीलुर्रहमान खान (अक्की), सर्वेश वर्मा, उत्कर्ष सिंह, अमित यादव, आसिफ अली, मो. दानिश, देव प्रताप वर्मा, अजीत वर्मा, अवनींद्र यादव, सत्य प्रकाश, कारण जैसल, शुभम प्रताप सिंह, सुनील कुमार, कर्ण प्रताप, शशिकांत, अनुज सिंह, शशिकुमार सिंह, और रोहित सिंह जैसे शिक्षक मौजूद रहे।