बलिया क्षेत्र के नारायणपुर गांव के एएनएम द्वारा टीका लगाने के 24 घंटे बाद डेढ़ माह की मासूम की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने गुरूवार को स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चे का शव रखकर जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि एक साथ चार सुई लगाने के कारण उनके बच्चे की मौत हुई है।
गांव के नगेंद्र राजभर ने डेढ़ माह के बच्चे को बुधवार को गांव की आशा बहु के कहने पर गांव में स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए थे। वहां एएनएम द्वारा टीके के चार डोज़ लगाई गईं। परिजनों के अनुसार बच्चे के दोनों बाहों और दोनों जांघों में कुल चार इंजेक्शन लगाए गए। इसके बाद से ही उसकी हालत बिगड़ने लगी। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने आशा बहु से संपर्क किया, तो उनका कहना था कि टीका लगने के बाद बच्चों को थोड़ी परेशानी बुखार, दस्त, आदि होता है। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
इसके बाद परिजन आश्वस्त हो गए और धीरे-धीरे बच्चे की हालत खराब होती गई और देर रात उसकी मौत हो गई। मृत बच्चे के एक वर्ष के चचेरे भाई रोहन पुत्र भोला, जिसे उस बच्चे के साथ ही आयु अनुसार कोई टीका लगाया गया था, उसकी भी तबियत खराब हो गई। जिसके बाद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण मृत बच्चे का शव लेकर स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे और वहां हंगामा करने लगे। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र में ताला बंद कर सभी कर्मचारी फरार हो गए।
मौके पर पहुंचे कोतवाल योगेंद्र प्रसाद सिंह ने विरोध कर रहे लोगों और बच्चे के पिता नगेंद्र राजभर को समझाया और मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस ने मृत बच्चे के शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के आश्वासन पर आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ वापस लौट गई। कोतवाल ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा। जिसके बाद मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पीएचसी बेरूआरबारी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वरूण ज्ञानेश्वर ने बताया कि टीके लगने से किसी बच्चे की मौत नहीं हो सकती। स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को कई गांवों के बच्चों को टीका लगाया गया है और सभी ठीक हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर मौत का पता चल जाएगा।