हापुड़ में, पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ, उत्तर प्रदेश के बार काउंसिल के आह्वान पर, जिले के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रह रहे हैं। सिविल बार संघ के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहकर अपनी मांगों को बढ़ावा देने के लिए आवाज उठाईं।
सिविल बार संघ के जिलाध्यक्ष सुधाकर राय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि अधिवक्ता सोमवार से शुरू हुए तीन दिनों के न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए विरोध दर्ज कराएंगे। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन ने बीते 29 अगस्त को अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की है। उन्होंने मांग की है कि हापुड़ के डीएम और एसपी को तुरंत स्थानांतरण किया जाए, दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
अधिवक्ताओं ने यह कहा है कि प्रदेशभर में पुलिस द्वारा मनगढ़त झूठी कहानी बनाकर जिन मुकदमों को दर्ज किया गया है, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि अधिवक्ता प्रोटेक्शन अधिनियम का पालन किया जाए और हापुड़ में घायल अधिवक्ताओं को मुआवजा दिया जाए।
4 सितंबर से 6 सितम्बर तक पूर्ण दिवस न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। 6 सितम्बर के बाद, यदि मांगों को नहीं माना जाता है, तो बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के निर्देशानुशार अगले आंदोलन के क्रम में कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को उप्र शासन का पुतला माना जा रहा है। पुतला माने जाने में सिविल बार संघ के अधिवक्ता सुधाकर राय और महासचिव रतनजी श्रीवास्तव मौजूद रहे हैं।