कृषि क्षेत्र के विकास के लिए जल और मृदा संरक्षण के साथ-साथ फल-फूल, मत्स्य, पशुपालन, और डेयरी को एकीकृत रूप से विकसित किया जायेगा। इसके लिए प्रदेश स्तर पर एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) तथा एक ब्लॉक-एक उत्पाद (ओबीओपी) को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसका उद्देश्य प्राथमिक क्षेत्र (प्राइमरी सेक्टर) के उत्पादों को उच्च बाजार मूल्य मिलने का सुनिश्चित करना है। इसके लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को प्रोत्साहित करके किसानों को एग्रोप्रोसेसिंग के लिए जागरूक किया जायेगा। इस योजना पर कृषि विभाग कार्यरत है।
प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में कृषि और प्राथमिक क्षेत्र की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के मुताबिक हमें कृषि क्षेत्र को बैक टू बेसिक के साथ-साथ टेक्नोफ्रैंडली बनाना होगा। जिससे किसानों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाया जा सके। इसमें कृषि तथा प्राथमिक क्षेत्र की भूमिका अति महत्वपूर्ण रहने वाली है।
इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की लागत को कम करके गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने के लिए ट्रेनिंग आदि दी जा रही है। किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए खेत तथा मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी क्रम में एक ब्लॉक एक उत्पाद (ओबीओपी) को देखा जा सकता है।
यूपी कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि विगत 6 वर्षों में प्रदेश की कृषि उत्पादकता में सराहनीय वृद्धि हुई है। इसके साथ ही सरकारी सुविधाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक स्तर पर डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायी बनाने के लिए नई खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) नीति पर भी काम किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र के लिए सरकार का लक्ष्य है कि जो स्टार्टअप तकनीक विकसित किया जा रहा है, उनकी तकनीक किसानों द्वारा अपनाई जाए।