गाजीपुर जनपद के सभी लोग ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन की बनाई जाने तक की उत्कट अभिलाषा रखते हैं। इस रेल परियोजना के शुरू होने से यात्रा करना आसान होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी दिसंबर माह में इस नई रेल परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इस नई रेल लाइन परियोजना के बारे में विस्तार से जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ने...
जनपद के इस ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन उत्तर प्रदेश राज्य के ताड़ीघाट और मऊ शहर को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण और बड़ी मात्रा में यातायात की सुविधा होगी। इस परियोजना का प्रबंधन भारतीय रेलवे द्वारा किया जा रहा है और इसका निर्माण कार्य गतिशीलता से आगे बढ़ रहा है। यह रेल लाइन पहले चरण में ताड़ीघाट से गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन तक की लाइन का निर्माण कर रही है। पहले चरण में इस लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है और इसके तहत ट्रेन सेवाएँ शीघ्र ही शुरू होंगी। द्वितीय चरण में, गाजीपुर सिटी से मऊ के बीच रेल लाइन का निर्माण हो रहा है।
यह रेल लाइन ताड़ीघाट (सोनवल) से गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन तक की बन रही है और इसका निर्माण चरणबद्ध रूप से हो रहा है। पहला चरण, ताड़ीघाट से गाजीपुर सिटी तक की नई रेलवे लाइन, पहले चरण के अंतर्गत पूरा हो चुका है। दूसरा चरण, ताड़ीघाट से गाजीपुर घाट स्टेशन तक की रेल लाइन का निर्माण, 30 जून को पूरा किया गया है। इस प्रकल्प की मूल्यांकन और जांच कार्य 28 मार्च को सीसीएफ द्वारा किया जाएगा। रेल विभाग की टीम ने पहले चरण के कार्यों की पूर्ति की है और अब नई रेल लाइन का संचालन शुरू होने की तैयारी कर रही है। ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन का निर्माण उचित मार्गदर्शन और नियमित कार्यक्रम के साथ किया जा रहा है और अपेक्षित अंतिम तिथि में पूरा होगा।
गाज़ीपुर में गंगा नदी पर बन रहे देश के प्रतीक्षित रेल-कम-रोड ब्रिज के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो गया है। इस डबल डेकर पुल पर ऊपर रोड और बीच में ट्रेन चलेगी और नीचे जलमार्ग जारी रहेगा। इस ब्रिज का निर्माण लगभग 14 सौ करोड़ रुपये की लागत में किया जा रहा है। इस परीक्षण में दिलदारनगर गाज़ीपुर नई रेल मार्ग ताड़ीघाट (सोनवल) से रेल इंजन को लेकर गंगा नदी को पार करते हुए इस नए ब्रिज के माध्यम से गाज़ीपुर सिटी रेल्वे स्टेशन तक यात्रा की जाएगी।
इस परियोजना के निर्माण में कुछ समय लग सकता है क्योंकि रेल लाइन के निर्माण में कठिनाइयाँ और विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, सरकार और संबंधित अधिकारियों ने इस परियोजना को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता दी है और सभी उच्चतम संघर्ष कर रहे हैं ताकि कार्य जल्दी से पूरा हो सके। अभी तक निर्माण कार्य की प्रगति प्रशासनिक और तकनीकी मंशा द्वारा समय पर पूरी हो रही है। इस प्रक्रिया के अनुसार, उम्मीद की जा रही है कि ताड़ीघाट-मऊ रेल लाइन तीन से चार वर्षों के भीतर पूरी तरह से बन जाए। यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और समय-सीमा में पूरा होने की उम्मीद है।
गाजीपुर जिले में प्रधानमंत्री के सपने के प्रोजेक्ट में शामिल ताड़ीघाट-मऊ नई रेलवे के निर्माण की प्रगति को सीआरएस द्वारा निरीक्षण किया गया। एडीआरएम राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि सीआरएस द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, सीआरएस की निरीक्षण और गति परीक्षण के पश्चात्, इस मार्ग पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन का संचालन सिटी स्टेशन तक आने वाले दिनों में होने लगेगा।
यह पता चला है कि पहले चरण के इस परियोजना की कुल लंबाई 9,600 किलोमीटर है। अधिकारियों ने ट्रैक, सिग्नल, प्वाइंट, क्रॉसिंग, लाइटिंग आदि की निरीक्षण को बहुत ही सावधानीपूर्वक किया। ताड़ीघाट-गाजीपुर सिटी-मऊ नई रेल लाइन पर सीआरएस (रेल सुरक्षा आयुक्त) के दौरे से पहले ही रेलवे ने पूरी भरपूर मालगाड़ी का संचालन किया। संचालन के बाद इसे पूर्ण रूप से परीक्षण किया गया है। परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है। रेल सुरक्षा आयुक्त की निरीक्षण के बाद ही इस नई रेल लाइन पर ट्रेनों की संचालन की अनुमति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर महीने में इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे।