उत्तर प्रदेश के वाराणसी में वाटर टैक्सी का परिचायन किया जाएगा। गंगा नदी में आगामी सप्ताह से वाटर टैक्सी की सेवा शुरू की जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए रामनरेश एंड कंपनी को टेंडर मिला है। कंपनी वाटर टैक्सी की सेवा के साथ-साथ मेंटेनेंस भी करेगी। वाटर टैक्सी के संचालन की निगरानी के लिए वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। वर्तमान में अस्सी से लेकर दशाश्वमेध और ललिता घाट तक वाटर टैक्सी का मार्ग तय किया गया है। यहाँ चार मुख्य घाटों पर स्टॉपेज होंगे। अधिकारियों का दावा है कि भविष्य में रामनगर से भी टैक्सियों की सेवा शुरू की जाएगी।
भावनगर, गुजरात की एक कंपनी ने सीएसआर फंड के तहत वीसीटीएसएल को 6 वाटर टैक्सी प्रदान किये हैं। इनमें दो जल शव वाहिनी और चार वाटर एंबुलेंस शामिल हैं। इनके संचालन और निगरानी की जिम्मेदारी वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड को सौंपी गई है। टैक्सियों का तकनीकी प्रशिक्षण भी पूरा हो चुका है। इसके डिजाइन में कुछ बदलाव करने के लिए कोलकाता से एक डिजाइनर को बुलाने की प्रस्तावना भी है, हालांकि इसकी मंजूरी अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। संचालन एजेंसी को प्रति टैक्सी के लिए 1500 रुपए का किराया देना होगा, जिससे वीसीटीएसएल को आयेगा।
वीसीटीएसएल को हर महीने टैक्सियों के संचालन के लिए लगभग 1 लाख 80 हजार रुपए प्राप्त होंगे। 86 सीटर क्षमता वाली टैक्सी में अधिकतम 50 यात्री सफर कर सकेंगे। वर्तमान में इसका किराया 15 रुपए प्रति किलोमीटर तय किया गया है। वीसीटीएसएल के एमडी गौरव वर्मा ने कहा है कि अनुमोदन के लिए फाइल हायर अथॉरिटी को एक या दो दिनों में भेजी जाएगी। अनुमोदन प्राप्त होने पर वाटर टैक्सियों की सेवा शुरू की जाएगी। वीसीटीएसएल के एआरएम एके सिंह ने बताया कि गंगा के जलस्तर की निगरानी की जा रही है और यदि वह उचित होता है, तो आगामी सप्ताह से वाटर टैक्सियों की सेवा शुरू की जाएगी।
बीएचयू में बायोस्कोप की स्थापना
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में फिल्म फोरम "बायोस्कोप" की स्थापना की गई है। मानवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र और अंतर सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। "बायोस्कोप" का उद्घाटन किया गया है और उसके तहत एक दो-दिनी सम्मेलन भी आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन का विषय "माध्यमों के आर पार: प्रिंट मीडिया, सिनेमा और रेडियो" है। मुख्य अतिथि के रूप में सीएसडीएस दिल्ली के प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि फिल्म देखना और उस पर चर्चा करना दुनिया के सबसे आनंददायक अनुभवों में से एक है। प्रोफेसर रविकांत ने विद्यार्थियों को अपने निर्मित फिल्मों की प्रदर्शनी दिखाई। इस संदर्भ में, ऑस्कर विजेता डॉक्यूमेंट्री "एलीफेंट व्हिस्पर" का प्रदर्शन भी किया गया।