भारी उद्योग मंत्री और सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने विकास भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मौके पर, बिजली और सिंचाई की स्थिति को जानने के लिए मीटिंग आयोजित की गई। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से चंदौली जिले के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में जानकारी मांगी। हालांकि अधिकारियों ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। इस पर मंत्री ने गहरा असंतोष व्यक्त किया। साथ ही, चंद्रप्रभा की कार्यप्रणाली से भी असंतोष जताया। उन्होंने चेताया कि अगर सोमवार तक ट्यूबवेल के लिए आवश्यक नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिलता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सिंचाई विभाग के श्रेष्ठ अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मिलकर जनपद के सिंचाई संबंधित समस्याओं का विश्लेषण करें और एक व्यापक और त्वरित योजना तैयार करें। इस योजना को तीन दिनों के भीतर जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत करें। इसके साथ ही, इस योजना की जानकारी किसानों और जनता को भी प्रदान करें।
उन्होंने यह भी कहा कि सिंचाई समस्याओं के लिए एक नोडल अफसर को नियुक्त किया जाए और उसकी जानकारी भी किसानों और जनता को प्रदान की जाए। सांसद सैयदराजा ने टेल पर पानी की आपूर्ति की समस्या पर चर्चा करते हुए संबंधित अधिकारियों को संवादित किया और कहा कि रोस्टर अनुसार किसानों को पानी नहीं पहुंच रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों पर बिजली की कम आपूर्ति के संदर्भ में अपनी असंतोषा व्यक्त की।
जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि खरीफ गोष्ठी के दौरान एक महत्वपूर्ण बैठक की गई थी, जिसमें सिंचाई के सभी अनुभागों और हाइडल के अधिकारियों की हमौली थी। इस बैठक में नहरों का रोस्टर तैयार किया गया था। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस रोस्टर से सभी जनप्रतिनिधियों को शीघ्रता से अवगत कराया जाए। साथ ही, सिंचाई और विद्युत विभाग के अधिकारियों को मिलकर समन्वयपूर्ण रूप से काम करने का आदान-प्रदान करने का आदर्श दिया।