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सरयू नदी फिर खतरे के निशान के पार, तटवर्ती के लोग परेशान

सरयू नदी की लहरें एक बार फिर उफान पर हैं। जलस्तर में लगातार वृद्धि से नदी दूसरी बार खतरा बिंदु को पार करके 10 सेमी ऊपर बहने लगी है। इसके कारण तटवर्ती लोग एक बार फिर बाढ़ के खतरे में सहमे हुए हैं। बाढ़खंड, आजमगढ़ और सिंचाई विभाग मऊ, दोनों ही जगहों पर बंधों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। मंगलवार की शाम को घाघरा नदी का जलस्तर 69.89 मीटर पर था, जो बुधवार को 11 सेमी बढ़कर 70.00 मीटर पर पहुंच गया, जबकि खतरा बिंदु 69.90 मीटर है। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण भारत माता मंदिर पर दबाव बढ़ गया है।

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तटवर्ती औराडाड, चिऊटीडाड़, नवली, नई बाजार, सरहरा, बीबीपुर, गौरीडीह, कोरौली, बेलौली, सोनबरसा, दोहरीघाट, बहादुरपुर, सड़ासो, गोधनी एवं अन्य कई गांवों को बारिश का खतरा फिर से आ गया है। इसके साथ ही, नईबाजार के सरहरा पुरवे और परमहंस बाबा कुटी के सामने जलस्तर में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण कटान में तेजी आ गई है।

दोनों स्थानों पर नदी ने जमीन को अपने आगोश में लिया है, लेकिन कटान को रोकने के लिए अभी तक कोई बंदोबस्त नहीं की गई है। इसके बावजूद, मुक्तिधाम से शाही मस्जिद तक सुरक्षा के बोल्डरों में दरारें पैदा हो रही हैं। इससे नगर के मंदिरों को खतरा हो गया है, और सभी घाट बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। बंधों की सुरक्षा के बारे में आजमगढ़ और सिंचाई विभाग मऊ में दोनों ही अलर्ट हालत में हैं। बंधों पर दिन-रात गश्त की जा रही है।

इसके साथ ही बंधों के दरारों और रेनकट को भरने का काम जारी है। साथ ही, नगर में स्थित ऐतिहासिक मुक्तिधाम, भारत माता मंदिर, शाही मस्जिद, जानकी घाट, दुर्गा मंदिर, राम घाट मन्दिर, लोक निर्माण का डाक बंगला, डीह बाबा के स्थान, हनुमान मंदिर और अन्य प्रमुख धरोहरों के लिए कटान का खतरा बढ़ रहा है। बाढ़ के पानी मैदानी इलाकों में फैल रहा है, जिससे बंधों के नीचे की फसलें डूब रही हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

सरयू नदी का पानी बंधों के किनारे तक पहुंच चुका है। महुला गढ़वल बांध, गोधनी बीबीपुर बांध, नवली और चिऊटीडांड़ रिंग बंधों की अभाव में जर्जर हो गए हैं। मुक्तिधाम के शवदाह के निचले हिस्से में स्थित सभी चबूतरे पानी में डूब रहे हैं, जिससे शवों की अंतिम संस्कार क्रियाएँ दुखद रूप में संपादित की जा रही हैं।

सिंचाई विभाग के जेई जयप्रकाश यादव ने बताया कि नेपाल के तीन बैराजों से पानी छोडा जा रहा है और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के कारण नदियों में उफान आ गया है। आने वाले दिनों में और भी तेजी से जलस्तर बढ़ने की संभावना है। इसी बीच, बंधों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है और सभी रेगुलेटरों का प्रयोग करके उनकी निगरानी तात्कालिक बनाई गई है।

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