गाजीपुर में साहित्य चेतना समाज 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम की तैयारियों को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। संस्था के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्तमान में के भौतिकवादी परिवेश, मोबाइल और कंप्यूटर का युग, और अपाधापी भरी जीवनशैली में लोगों की साहित्य के प्रति रुचि में कमी दिख रही है। इस परिस्थिति के मध्यस्थ रूप में, संस्था 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को साहित्य से जोड़ने और उनमें रुचि जागरूक करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने आगे बताया कि 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के अंतर्गत काव्य-गोष्ठी, विचार-गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, संगीतिक प्रस्तुतियाँ, महापुरुष और साहित्यकारों की जयंतियाँ, समसामयिक विषयों पर चर्चा, एकल काव्य-पाठ, कहानी-पाठ, साहित्यकारों के साक्षात्कार, पुस्तक समीक्षा, पुस्तक लोकार्पण, लोकगीत, लोकनृत्य आदि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये कार्यक्रम नगर सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी आयोजित किए जाएंगे।
इसके साथ ही गाजीपुर जनपद के बाहर भी 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के तहत इसी प्रकार के कार्यक्रमों की आयोजन की योजना है। बैठक के बाद कवि अनन्तदेव पाण्डेय अनन्त की अध्यक्षता में सरस काव्य-गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में गोपाल गौरव, अमरनाथ तिवारी, शालिनी श्रीवास्तव, अलका त्रिपाठी, कामेश्वर द्विवेदी, डाॅ. अक्षय पाण्डेय ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। इस अवसर पर सहजानन्द राय, विनोद उपाध्याय, संगीता तिवारी, आंचल, सिद्धार्थ शरण श्रीवास्तव, अंकुर, अंकित आदि भी उपस्थित थे।