मरदह क्षेत्र के भड़सर चट्टी से वेदबिहारी पोखरा चट्टी जाने वाले मार्ग पर ग्रामीणों ने धान नर्सरी की रोपाई करके बीच सड़क पर हुए जलजमाव में आक्रोश व्यक्त किया, जिसमें जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। ब्लाक क्षेत्र में दर्जनों मुख्य सड़कों के साथ भड़सर चट्टी से वेदबिहारी पोखरा चट्टी तक जाने वाले मार्ग काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिसके कारण वाहनों के लिए यातायात पैदल चलना जान जोखिम भरा है।
भड़सर चट्टी से वेदबिहारी पोखरा चट्टी जाने वाली सड़क पूरी तरह जलमग्न और जर्जर है। विदित है कि वर्षों से यह सड़क जर्जर हो चुकी है, और इस पर न केवल वाहनों के लिए बल्कि पैदल चलने के लिए भी योग्य नहीं है। भड़सर चट्टी से वेदबिहारी पोखरा जाने वाली मार्ग पूरी तरह ध्वस्त और जर्जर हो चुकी है। इसकी लंबाई लगभग 12 किलोमीटर है। सड़क के कई स्थानों पर टूटने के कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है।
पैदल चलने में भी दिक्कत होती है। दो पहिया वाहन और साइकिल चालकों को निकलने में सहारा लेना पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने सङक की मरम्मत न होने पर बिहरा चट्टी पर धान की रोपाई करके जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों को आईना दिखाया और जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित करते हुए धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। यह मार्ग रूक्कापुर, बीरबलपुर, बिहरा, नसीरूदीनपुर, पृथ्वीपुर, अविसहन, कलौरा, जगदीशपुर, उच्चौर गांव को जोड़ते हुए वेदबिहारी पोखरा चट्टी होकर कासीमाबाद तहसील मुख्यालय जाने का मुख्य मार्ग है।
इसी सड़क से हजारों लोग गुजरते हैं। सड़क के बीच बड़े-बड़े गड्ढों में बरसात के पानी का जल जमाव होने से रोज़ाना दुर्घटनाएं होती हैं। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार विभाग सहित क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी है। लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इस मार्ग पर दर्जनों निजी और सरकारी शिक्षण संस्थान मौजूद हैं। प्रतिदिन इस मार्ग से हजारों लोग आवागमन करते हैं, जो खुद को जान के जोखिम में डालकर आवागमन करने को मजबूर हैं। सड़क पर धान की रोपाई करने वालों में आलोक यादव, बृजेश सिंह, संदीप सिंह, आशा देवी, रमई यादव, राजेंद्र यादव, लीला देवी, अनिल राजभर, रामबचन राजभर, ओमप्रकाश राजभर आदि शामिल हैं।