सोमवार की शाम को सैदपुर नगर के जोहरगंज मोड़ के पास, एक युवक ने अपनी मां को दवा लेकर घर वापस जाने का फैसला किया था, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई। उस युवक ने अपने पिता के एकमात्र पुत्र का पदवीधर था। सैदपुर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और परिजनों की पहुंच से पहले ही उसे जिला मुख्यालय में स्थित मर्चरी हाउस भेज दिया। इसके परिणामस्वरूप, नाराज परिजन और ग्रामीण लोगों ने थाने के सामने मार्ग को आधे घंटे तक जाम किया रखा।
घटना उस प्रकार की है कि सैदपुर के खानपुर थाना क्षेत्र में स्थित सरैया गाँव के निवासी संत बक्श सिंह यादव (26) जिनके पिता का नाम अवध यादव था, सोमवार की शाम को अपनी मां सुदामी देवी को सैदपुर नगर से दवा लेकर वापस जा रहे थे। लगभग 4:30 बजे, संत बक्श सैदपुर नगर के जौहरगंज मोड़ से जैसे ही वाराणसी-गोरखपुर हाईवे पर घुम रहे थे, एक तेज रफ्तार टैंकर ने पीछे से जबरदस्त टक्कर मार दी। इस हादसे में मां और पुत्र दोनों घायल हो गए। उन्हें पुलिस की सहायता से सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने संत बक्श सिंह को मृत घोषित कर दिया। मां को हल्की चोट आई थी, उनका इलाज वर्तमान में चल रहा है।
प्रशासनिक असंतोष के कारण, परिजनों ने सड़क पर आधे घंटे तक जाम लगाया। मर्चरी हाउस में पोस्टमार्टम का समय बीत गया था, इसलिए पुलिस ने मृत संत बक्श के शव को जिला मुख्यालय स्थित मर्चरी हाउस भेज दिया। कुछ ही समय बाद, परिजनों को संत बक्श की मौत की जानकारी मिली, जिससे उनके घर में गहराई से व्याकुलता छाई। ग्रामीणों के साथ परिजन आनन-फानन में सैदपुर कोतवाली तक पहुंचे।
जब यहां परिजनों को पता लगा कि पुलिस ने शव को जिला मुख्यालय भेज दिया है, तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। थाने के सामने से गुजरने वाली सड़क को ग्रामीणों ने जाम कर, यातायात को रोक दिया। आधे घंटे बाद, मौके पर पहुंचे कोतवाल बंदना सिंह ने परिजनों को समझाया, जिससे उनका गुस्सा शांत हुआ।
तीन पुत्रियों में संत बक्श की एकमात्र संतान थी। उसके बाद, रास्ते पर जाम हटाया गया। मृतक संत बक्श के मामा शंभू नाथ यादव ने पुलिस के पंचनामा की कार्यवाही शुरू कर दी थी। परिजनों ने बताया कि आगामी नवंबर महीने में संत बक्श की शादी तय हुई थी। वह नोएडा में इंजीनियरिंग की नौकरी करता था और वर्तमान में वह वर्क फ्रॉम होम के तहत घर से ही अपना काम कर रहा था।
संत बक्श अपने पिता की एकमात्र संतान थे। उनकी कमाई से परिवार का आर्थिक संचालन ठीक-ठाक चल रहा था। उनके पिता अवध यादव घर पर खेती बाड़ी का काम करते थे, जिनकी तीन पुत्रियों में से दो की शादी हो चुकी थी और एक की शादी बाकी थी। थानाध्यक्ष बंदना सिंह ने बताया कि घटना में शामिल टैंकर को कब्जे में लिया गया है। मृतक के शव को मर्चरी हाउस भेजकर, पंचनामा की कार्यवाही की जा रही है।
Also Read: