गाजीपुर में कई दिनों के बाद गंगा एक बार फिर से उफनाने लगी हैं। जलस्तर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के माथे पर बल पड़ रहा है क्योंकि दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। इसी तरह की वृद्धि आगे बढ़ती रही तो तटवर्ती क्षेत्र में बोई गई फसलें जलमग्न हो सकती हैं।
सुबह आठ बजे, गंगा का जलस्तर 58.730 मीटर पर दर्ज किया गया। सैदपुर क्षेत्र में जैसे कि जौहरगंज, रामतवक्का, पटना, खरौना, शादीभादी गांव में नदी की कछार में बोई गई सब्जियां जैसे परवल, नेनुआ, राम तरोई, भिंडी, लौकी, करेला आदि डूबने लगी है। आगामी 24 घंटों में जलस्तर की गति और बढ़ी तो पशुओं के चारे के लिए बोई गई हरी फसलें और खरीफ की फसलें भी जलमग्न हो सकती हैं।
सैदपुर क्षेत्र में कोलुवा टोला, कोट घाट, फुलवारी, टोडरपुर, रामपुर बंतरिया, मनझरिया, और दुबैठा के अलावा गंगा के दबाव से उफान पर चल रही गोमती नदी के दर्जनों गांव के लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। वर्तमान में प्रशासन ने चौकसी बरतते हुए बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों में आपदा मित्रों को तैनात किया है।
उपजिलाधिकारी पुष्पेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि वर्तमान में बाढ़ की स्थिति अभी खतरे के निशान से नीचे है। बाढ़ से निपटने के लिए हमने तैयारियाँ पूरी की हैं। आवश्यकता पड़ने पर, दो दर्जन से अधिक नाविकों को उनकी नावों के साथ तैयार रहने का आदेश दिया गया है।