गाजीपुर जनपद में गंगा नदी का पानी अत्यधिक वेग से वृद्धि कर रहा है। सोमवार की सुबह से गंगा का जल स्तर अचानक 9 सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से ऊपर बढ़ रहा है। वहीं, रविवार को जल स्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा था, और शनिवार को दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से जल स्तर बढ़ रहा था।
इस प्रकार, वर्तमान समय में नदी का जल स्तर 60.540 मीटर पर पहुंच गया है, जिसे अब धीरे-धीरे चेतावनी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही, पटना, गोपालपुर, कुसही, खरौना, हथौड़ा सहित कई गांवों के किसानों की स्थिति भी चिंताजनक हो गई है। इसकी वजह तटवर्ती क्षेत्रों में बोए गए सब्जियों का जलमग्न हो जाना है।
सैदपुर में नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की चिंताएं एक बार फिर बढ़ गई हैं। उन्हें यह अनुभव होने लगा है कि पिछले साल की तरह इस साल भी उन्हें अपने घरों को छोड़कर जाने की मजबूरी नहीं होनी चाहिए। गंगा के दबाव के कारण गोमती नदी भी करार तोड़कर ऊपर आने की तय को बेताबी से इंतजार कर रही है। इस परिस्थिति में, गंगा और गोमती दोनों नदियों के बाढ़ के परिणामस्वरूप 47 से अधिक गांव प्रभावित हो सकते हैं।
गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के परिणामस्वरूप तटवर्ती गांवों में पटना, गोपालपुर, कुसही, खरौना, हथौड़ा समेत कई गांवों के किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। गंगा नदी की उफान वृत्ति से उन स्थलों पर जहाँ वही गई परवल, बोड़ा, करेला, भिंडी, दलहन आदि फसलें उगती हैं, उनके पास नदी के पानी को अपने आगोश में लेने की परिस्थिति बन गई है।
तहसीलदार सैदपुर, अभिषेक कुमार ने बताया कि राजस्व कर्मियों द्वारा निगरानी की जा रही है। संभावित बाढ़ की सम्भावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा से संबंधित राजस्व कर्मियों को और आपदा मित्रों को सतर्क रहने के लिए आगाह किया है। राहत चौपाल के माध्यम से तटवर्ती लोगों को बाढ़ से बचाव की जानकारी दी जा रही है।