वर्तमान समय में गंगा के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद शेरपुर में कटान के खतरे की स्थिति आगे बढ़ रही है। इस साल, कटान की मुख्य केंद्रीय स्थिति ग्राम पंचायत शेरपुर के मुबारकपुर के पास है। यदि कटान को बढ़ावा मिलता है, तो मुबारकपुर गंगा किनारे के बस्तियों को संपूर्णत: गंगा में समाहित कर सकता है। वहीं, कटान को रोकने के लिए, माघी के पास जियो बैग पिचिंग कार्य में अनियमितता के कारण ग्रामीण लोगों में गहरी चिंता और आक्रोश की भावना पैदा हो रही है।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के समय, अष्ट शहीदों के गांव शेरपुर के पास हो रहे कटान को रोकने के उद्देश्य से शासन ने श्मशान घाट के पास 600 मीटर बोल्डर पिचिंग का कार्य आयोजित किया। उसके साथ ही, माघी के पास भी 300 मीटर जियो बैग पिचिंग कार्य किया गया ताकि कटान के खतरे का सामना किया जा सके, और इसमें कार्यदायी संस्था की तरफ से अनियमितता का पूर्णत: उपयोग किया गया।
जियो बैग में अब मिट्टी से भर गई है
वर्तमान स्थिति यह है कि जियो बैग में अब मिट्टी से भर गई है, हालांकि उस समय गंगा के किनारे बालू था। पहले ही बार गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण इसके अनुभव में खराबी आई है। यदि बाढ़ की स्थिति और बढ़े, तो संभावना है कि यह पिचिंग कटान को रोकने में सफल नहीं हो सकता।
बैग पिचिंग कार्य में अनियमितता की गई है
पूर्व ग्राम प्रधान जयप्रकाश राय ने बताया कि जियो बैग पिचिंग कार्य में अनियमितता देखी जा रही है। बैग में बालू की जगह मिट्टी डाली गई है। जब जियो बैग के पानी में डूबेगा, तो उसमें भरी मिट्टी पिघलकर बह जाएगी और बैग एक बोल्डर के रूप में रह जाएगा। उन्होंने इस पूरे निर्माण की जाँच की मांग की है ताकि आगे चलकर गांव के भविष्य को खतरे में डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि मुबारकपुर के पास कटान को रोकने के उपायों का विचार किया जाना चाहिए, अन्यथा आने वाले समय में यह बड़े नुकसान की ओर बढ़ सकता है।