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गाजीपुर में हार्ट अटैक से लोकतंत्र सेनानी का निधन, पुलिस कर्मियों ने दी सलामी

1975 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल के दौरान जेल भेजे गए नगर निवासी लोकतंत्र सेनानी शिव पूजन मोदनवाल का निधन हार्ट अटैक के कारण बीती रात को हो गया। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को नगर के वार्ड नंबर 4 में स्थित श्मशान घाट पर किया गया, जहां नायब तहसीलदार अभिषेक सिंह के साथ पहुंची पुलिस टीम ने लोकतंत्र सेनानी को राजकीय सम्मान सहित सलामी दिया।

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लोकतंत्र सेनानी शिवपूजन मोदनवाल (75) बीती रात अपने वार्ड संख्या 10 में स्थित घर में सो रहे थे। तभी उनके सीने की बाईं तरफ दर्द महसूस होने लगा। मोहल्ले के वासी तत्काल उनके साथ शिव पूजन मोदनवाल को लेकर सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। वहां डॉक्टर ने हार्टअटैक की जांच की। इसके बाद उनका प्राथमिक इलाज किया गया और आवश्यक दवाएं दी गईं, फिर उन्हें वाराणसी भेजने का निर्णय लिया गया। इलाज के दौरान सोमवार की सुबह, लोकतंत्र सेनानी ने दम तोड़ दिया।

लोकतंत्र सेनानी के पार्थिव शरीर को सोमवार की सुबह वाराणसी से सैदपुर ले जाया गया। वहां दोपहर में सैदपुर के कोट घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनका मुखाग्नि संस्कार उनके सबसे छोटे पुत्र दीपू ने संपन्न किया। शव यात्रा में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, समाजसेवी, और अन्य लोग बड़ी संख्या में शामिल होने आए।

इसमें पूर्व चेयरमैन शशि सोनकर, वर्तमान चेयरमैन प्रतिनिधि सुभाष सोनकर, नवीन अग्रवाल, गणेश प्रसाद वर्मा, अविनाश बर्नवाल, सुमन कमलापुरी, बुच्चन सेठ, बद्री प्रसाद शर्मा, बुच्ची सेठ आदि शामिल हुए। इस दौरान अधिकांश लोग आपातकाल पर चर्चा करते दिखाई दिए।

सन् 2005 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने यह योजना आरंभ की थी। आपातकाल के समय, उसके खिलाफ उत्तरदायिता दिखाने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, समाजसेवी, पत्रकार आदि को जेल भेज दिया गया। इस दौरान, सैदपुर नगर के 10 वार्ड नंबर में निवास करने वाले शिवपूजन मोदनवाल भी आपातकाल के विरोध में शामिल होने के कारण, महीनों तक कैद में रहे।

सन् 2005 में, प्रदेश की मुलायम सिंह यादव की सरकार ने आपातकाल के समय, जेल में बंद होने वाले व्यक्तियों को लोकतंत्र सेनानी घोषित करते हुए, उन्हें प्रतिमाह ₹500 की योजना को प्रारम्भ किया। तब से सभी लोकतंत्र सेनानियों के साथ शिवपूजन मोदनवाल भी इस पेंशन का लाभ उठा रहे थे, जो वर्तमान में ₹25,000 प्रतिमाह हो गई है।

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