राजघाट क्षेत्र में स्थित सर्व सेवा संघ परिसर में शनिवार की सुबह, रेलवे और जिला प्रशासन द्वारा बुलडोज़र के सहायता से परिसर में निर्मित भवनों को सुबह 8 बजे से ध्वस्त करने का कार्य आरंभ किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में ध्वस्तीकरण प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है, जिस पर सर्व सेवा संघ के सदस्यों ने विरोध प्रकट किया।
सर्व सेवा संघ के मुख्य द्वार की बंदी के परिणामस्वरूप परिसर में कार्रवाई जारी है। सुरक्षा कारणों से किसी भी व्यक्ति की प्रवेश अनुमति नहीं है। परिसर में ध्वस्तीकरण के खिलाफ विरोध के चलते पुलिस बल भी तैनात किया गया था। उनके साथ, सर्व सेवा संघ से जुड़े व्यक्तियों में राम धीरज सहित पांच अन्य लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया और पुलिस लाइन भेज दिया गया है।
सर्व सेवा संघ के सदस्यों के अनुसार, महात्मा गांधी, संत विनोबा भावे, जवाहरलाल नेहरू जैसे महान व्यक्तियों ने आजाद भारत की स्वतंत्रता की सोच पर विमर्श किया था। संघ से जुड़े व्यक्तियों के अनुसार, रेलवे द्वारा इस भूमि का प्रदान किया गया था, लेकिन बाद में नियमों के विपरीत इसे वापस लिया गया और मामला लंबित होने के बावजूद ध्वस्तीकरण कार्रवाई शुरू की गई।
पूर्व में अदालती सुनवाई के बाद जिला प्रशासन को इस मामले में निर्णय लेने की दिशा में निर्देशित किया गया था। परिसर को खाली करने के आदेश देने के बाद, अब कार्रवाई जारी हो रही है। राकेश टिकैत और मेधा पाटकर जैसे व्यक्तियों ने इसे रोकने के लिए हाल ही में शास्त्री घाट पर धरना प्रदर्शन किया था।