ताड़ीघाट रेलवे क्रॉसिंग के पास रविवार को आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा ताड़ीघाट स्टेशन को दोबारा चालू करने की मांग के चलते धरना प्रदर्शन और अनशन शुरू कर दिया गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि रेलवे उनकी मांगों को एक हफ्ते में पूरा नहीं करता है, तो वे ग्रामीण हाईवे से लेकर नवनिर्मित रेल सह सड़क पुल तक पूरी तरह से जाम कर देंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की होगी।
धरने और अनशन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए हर्ष सिंह ने कहा कि रेलवे ने क्षेत्र के लोगों को धोखा देकर स्टेशन बंद करके लाइन उखाड़ दी है, जिसे हम कट्टई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह धरना और अनशन आगे चलकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में तब्दील हो जाएगा। वहीं अजीत सिंह ने कहा कि स्टेशन बंद होने से दर्जनों दुकानदार, टेम्पो चालक बेरोजगार हो गए हैं, और उनके परिवार के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण स्टेशन को फिर से चालू किया जाना चाहिए ताकि लोगों को सुविधा मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रेलवे मांगों को पूरा नहीं करता है, तो ग्रामीण बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। सुखबीर सिंह ने कहा कि रेलवे का यह उपेक्षात्मक रवैया किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।
ग्रामीण उग्र आंदोलन के तहत रेल चक्का जाम के साथ ही सोनवल से गाजीपुर जाने वाली नई रेलवे लाइन और हाईवे को जाम कर देंगे। इस समय ट्रेन सिर्फ दिलदारनगर से सोनवल तक ही चल रही है। ताड़ीघाट की ओर जाने वाली रेल लाइन को महीनों पहले ही उखाड़ दिया गया था।
इस धरना प्रदर्शन और अनशन में राहुल सिंह, संतोष सिंह, उपकार, अनंत सिंह, देवेंद्र सिंह, अरविंद, घुराराम, पंकज खरवार, हनुमान राम, विकास, डब्लू, बसावन, सुरेंद्र भारती, राधे राम, गुलाबचंद, मुन्नसिंह, चुनमुन, रामाश्रय राम, उपेंद्र सिंह आदि दर्जनों ग्रामीणों ने इस मामले में अपनी उपस्थिति बनाए रखी।