विभिन्न मांगों को लेकर विद्युत मजदूर पंचायत का एक प्रतिनिधिमंडल गाजीपुर में डीएम कार्यालय पहुंचा। डीएम कार्यालय में पत्रक सौंपते हुए बिजली कर्मचारी नेताओं ने मानदेय भुगतान सहित विभिन्न मांगों को रखा। 37 निकाले गए संविदाकर्मियों को काम पर वापस रखे जाने की भी मांग उठाई।
विद्युत मजदूर पंचायत के अतिरिक्त प्रांतीय महामंत्री निर्भय नारायण सिंह ने पत्रक के माध्यम से बताया कि गाजीपुर में विद्युत संविदाकर्मी से मेसर्स भारत इंटर प्राइजेज और मीटर रीडरों से कार्य कराने हेतु मेसर्स स्टर्लिंग कम्पनी नियुक्त है। इसमें सारे कर्मचारी अल्प वेतन भोगी हैं, लेकिन दोनों कम्पनीयों द्वारा कार्य कर रहे समस्त अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान पिछले 3 माह से नहीं दिया गया है। इससे ये कर्मचारी भुखमरी की कगार पर हैं।
यह भी बताया कि मेसर्स स्टर्लिंग कम्पनी द्वारा मीटर रीडरों का 18 माह का पीएफ का पैसा भी नहीं जमा किया गया है, जो घोर अनियमितता की श्रेणी में आता है। इसको लेकर अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मंडल गाजीपुर से प्रभावी हस्तक्षेप कर इनका भुगतान कराने का अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन केवल झूठा आश्वासन देते-देते तीन महीने बीत गए पर भुगतान नहीं हुआ।
भुखमरी की कगार पर पहुंचे परिवार। 37 संविदाकर्मियों को मार्च 2023 में संघर्ष समिति की हड़ताल के कारण निकाला गया था, जिससे उनके परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गया है। मानवता के आधार पर 37 निकाले गए संविदाकर्मियों को काम पर वापस रखवाने का आदेश जारी करने की मांग है। जिलाध्यक्ष अरविंद कुशवाहा ने डीएम से अपने स्तर से प्रभावी हस्तक्षेप कर संविदाकर्मियों और मीटर रीडरों का भुगतान करवाने के साथ मार्च 2023 की हड़ताल के कारण निकाले गए 37 संविदाकर्मियों को विभाग में पुनः समायोजित किये जाने हेतु आदेशित करने की मांग की है। इस दौरान विजय शंकर राय, सुरेश सिंह समेत कई बिजली कर्मचारी नेता मौजूद रहे।