राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त प्रयास में शुक्रवार को तहसील मुख्यालय के सभागार में महिलाओं के हित में संरक्षण कानून के तहत साक्षरता दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वप्न आनंद सचिव प्रभारी ने की। उन्होंने कहा कि जितने अधिक नागरिक साक्षर होंगे, देश उतनी ही उन्नति कर सकेगा।
साक्षरता के महत्व को जागृत करने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं, पुरुष, और बच्चों को साक्षर बनाने और उन्हें जागरूकता प्रदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य शिक्षा के प्रसार में समाज की भूमिका को बढ़ाना है और यह अभियान विश्वव्यापी रूप से मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि साक्षरता दिवस का मतलब यानी अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बच्चियों को साक्षर बनाने और उन्हें जानकारी देने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से इसे दुनिया भर में मनाया जाता है। भारत में भी विश्व साक्षरता दिवस को महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है।
सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से भारत सकारात्मक कार्य कर रहा है। विश्व साक्षरता दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन को मनाने से पहले आपको पता होना चाहिए कि साक्षरता क्या है। साक्षरता शब्द साक्षर से बना है, जिसका अर्थ पढ़ने और लिखने में सक्षम होना है। एसडीएम हर्षिता तिवारी ने बताया कि दुनिया भर में हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।
पहली बार साक्षरता दिवस 1966 में मनाया गया था। तब से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि हर साल साक्षरता दिवस की एक निर्धारित थीम होती है। इस अवसर पर तहसीलदार देवेंद्र कुमार, नवीन राय, खुर्शीदा, शैलेंद्र सिंह, सरिया जायसवाल, डॉ. मनीषा सिंह आदि छात्राएं मौजूद रहीं।