सावन के तीसरे सोमवार को भगवान इन्द्र ने महादेव का जलाभिषेक नहीं किया। जबकि दो सोमवार को उन्होंने बारिश कराकर भोलेनाथ को अपनी अभिसिंचना से संवेदित किया था। इस सोमवार को भी लोगों ने कयास लगाया था कि शिव जी के अति प्रिय दिन सोमवार को भी बारिश होगी, पर ऐसा नहीं होने से शिवभक्तों सहित आमजन मायूस दिखे। वहीं पूरे दिन उमस और गर्मी का सामना करते रहे।
उधर बीच हुई बारिश से लोगों को कुछ राहत मिली थी, लेकिन दो दिन से गर्मी व उमस काफी बढ़ गई है। साथ ही तापमान भी बढ़ने लगा है। इस बीच शुक्रवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम 29 डिग्री पर बना रहा है। बारिश के नहीं होने से सर्वाधिक चिंतित धान की रोपाई करने वाले किसान हैं।
समृद्ध किसान तो किसी तरह सिंचाई की व्यवस्था कर धान की रोपाई कर दिए हैं, लेकिन छोटे व गरीब किसान चिंतित हैं। उनके खेत अभी भी सूखे पड़े हैं। सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा। टेल तक नहरों का पानी नहीं आने से परेशान हैं। अच्छी पैदावार की उम्मीद टूटती जा रही है।
बस आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं, कि जल्द बारिश हो और खेतों में रोपनी शुरू की जाए। अगर बारिश नहीं हुई, तो काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सावन माह में भी कड़ी धूप का सामना करना बेहद अफसोसजनक है। हवा की गति भी कम रहने से उमस बेचैन करती रही।