गाजीपुर में सालों से नहर पर आबाद बिंद बस्ती के लोगों को बेदखल होने की चिंता सताने लगी है। बेदखली से चिंतित बस्ती के लोगों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। गंगा जी में आती बाढ़ से बचने के लिए सोल्हनपुर, गद्दोगाड़ा, महाबलपुर गांव में बसे बिंद बस्ती के लोग ऊपरी क्षेत्र में समतल हो चुकी नहर के किनारे धीरे-धीरे बस गए हैं। जो कच्चे-पक्के मकान, झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं।
इनमें कुछ मकान सरकारी मदद से भी बने हुए हैं। सरकारी हैंडपंप भी लगे हुए हैं। बिंद बस्ती बाहुल्य इन गांवों की आबादी लगभग 6 हजार के आस-पास हैं। अतिक्रमण की शिकायत पर नहर विभाग, लेखपाल आदि जमीन खाली करने की बात कह रहे है। साल 1978 के बाद से धीर-धीरे आबाद लोग एकाएक जमीन खाली करने की सूचना पर घबरा से गए हैं।
आबाद लोग जमीन न खाली कराए जाने की गुहार लेकर सैकड़ों की संख्या में डीएम कार्यालय पहुंच पत्रक सौंपा। ग्राम प्रधान बालकरन ने बताया कि गांव के तमाम ग्रामीण समतल हो चुकी नहर की भूमि पर आबाद है। सालों पहले बाढ़ की विभीषिका झेलने के बाद ग्रामीण यहां आशियाना बना कर जीवन यापन कर रहे हैं। हम सभी ने जिला प्रशासन से बेदखली की कवायद पर रोक लगाने की मांग की है।