बीते बुधवार को हथियाराम मठ पहुंचे सरसंघ चालक मोहन भागवत एक दिवसीय प्रवास पर, और दूसरे दिन गुरुवार को सुबह उठने के बाद लगभग 7:30 बजे मठ स्थित संत निवास पहुंचे। यहां से थोड़ी देर बाद नवग्रह वाटिका की स्थापना के लिए पहुंचे। जहां उन्होंने हथियाराम मठ के मठाधीश भवानी नन्दन यति सहित दर्जनों वैदिक विद्वानों के साथ विधिवत नवग्रह पूजन किया। इसके बाद उन्होंने नवग्रह बगिया की स्थापना के लिए नवग्रह के पौधों को लगाया।
नवग्रह वाटिका की स्थापना के बाद मोहन भागवत ने आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ बातचीत की। निकलने से पहले उन्होंने बैंड वालों के साथ बातचीत कर सामूहिक फोटो खिंचवाई। लगभग 8:45 बजे मोहन भागवत मिर्जापुर के लिए रवाना हो गए। जहां वह शक्तेशगढ़ पहुंचकर अड़गड़ानंद महाराज से मुलाकात करेंगे।
यह है नवग्रह के पौधे:
- सूर्य ग्रह के लिए आक का पौधा,
- चंद्र ग्रह का ढाक,
- मंगल का खैर,
- बुध का अपामार्ग,
- बृहस्पति ग्रह का पीपल,
- शुक्र के लिए गूलर,
- शनि के लिए शमी,
- राहु के लिए दूव, और
- केतु के लिए कुश के पौधे।
नवग्रह शांति पूजन के दौरान इन्हीं पौधों के वृक्षों की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।