गाजीपुर के जमानियां में इमाम हुसैन और उनके जांनिसारों के इसाले सवाब के लिए इमाम चौकों और घरों में कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी, और दुआ ख्वानी हुई। अकीदतमंदों को लंगर बांटा गया। शाम को जिन्होंने दसवीं मोहर्रम का रोजा रखा था, उन्होंने मगरिब की अजान पर रोजा खोला। मोहर्रम की दसवीं तारीख को शहीद-ए-आजम हजरत सैयदना इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद करते हुए ताजिया जुलूस अखाड़ा निकाला गया।
जो अखाड़ा जुलूस के कर्बला पहुंचकर समाप्त हुआ, वहां पूरी रात अंजुमन सुल्तानिया के दानिश मंसूरी, मेराज मंसूरी, मोहम्मद आमिर, अफजाल मंसूरी, जाहिद मंसूरी, असलम मंसूरी, राजू राईन, सद्दाम राईन, आदि नौहखानों ने शहीदाने कर्बला को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के बाद ताजियों को सुपुर्दे खाक किया गया। दसवीं मोहर्रम को सुबह से ही ताजिया के साथ जुलूस दिखाई देने लगे थे। जिसके बाद सभी ताजिया के साथ कर्बला में दफन कर दिए गए। बनाई गई ताजिया और रौशन नगर कस्बा बाजार में भी लोगों को अपनी ओर खींचने में सफल रहे।
अखाड़ा जुलूस में शामिल ताजिया के साथ राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और ढोल-ताशे भी लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब रहे। दसवीं मोहर्रम पर ताजिया के साथ अखाड़ा जुलूस को शांतिपूर्ण ढंग से निकाला गया। नगर पालिका परिषद पूर्व कर इंस्पेक्टर नेहाल शेख मंसूरी के पुत्र दानिश मंसूरी ने जुलूस की अगुवानी की। मौलाना और शाही जामा मस्जिद के सेकेट्री तनवीर रजा सिद्दीकी, हयात वारिश खान, मोहम्मद आरिफ वारिश खान, खालिद खान, निसार वारिश खान, निहाल खान, आदि लोगों ने भी मर्सिया पढ़ने वालों का हौसला अफजाई किया। बताया जा रहा है कि कई मोहल्लों के इमाम चौकों से ताजिया के साथ अखाड़ा जुलूस निकला। जुलूस में करतब दिखाने वाले नौजवान सभी का ध्यान खींच रहे थे।
नौहा पढ़ने वालों ने जगह-जगह रुक कर गम का इजहार किया। इस दौरान कोतवाली प्रभारी महेंद्र सिंह मय और पुलिस कर्मियों के साथ कर्बला के मैदान में डटे रहे, तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने और सुरक्षित संपन्न करने के लिए नगर कस्बा सहित विभिन्न इलाकों का भ्रमण किया। उक्त मौके पर उन्होंने कहा कि दसवीं मोहर्रम पर्व को शांति पूर्ण और सुरक्षित रूप से संपन्न करने के लिए सभी हल्का दरोगा और पुलिस कर्मी ड्यूटी पर तैनात है। कोतवाली प्रभारी महेंद्र सिंह ने मोहर्रम पर्व को सुरक्षित और शांतिपूर्ण रूप से संपन्न किया।