गाजीपुर में ईसीआर के अंतर्गत आने वाला अतिप्राचीन ताड़ीघाट- दिलदारनगर ब्रांच लाइन पर शेष 13 किमी लंबी रेल लाइन पर पीक्यूएआरएस (प्लासर क्विक रिलीजिंग सिस्टम) वर्क होना था। इसके लिए दूसरे चरण की टेंडर की प्रक्रिया को महकमें ने दो महीने बाद भी जारी नहीं की है। पीक्यूएआरएस कार्य न होने से लोगों में रोष है।
लोगों ने कहा कि रेलवे के जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही के कारण इस रूट पर ट्रेनें जल्दी से आगे बढ़ने की संभावना नहीं लगती। पूर्व में इस कार्य को विगत मार्च महीने में शुरू किया गया था, जिसमें सोनवल एलसी के निकट 11 नंबर पुलिया से दिलदारनगर जंक्शन तक 16 किमी लंबे रूट पर पीक्यूएआरएस वर्क को 45 दिनों में 24 अप्रैल तक पूरा करने का प्लान था।
मगर इस संबंध में संबंधित संस्था द्वारा अब तक सिर्फ तीन किमी तक ही कार्य किया गया है, फिर रेलवे ने अप्रैल महीने में ही उस कंपनी के टेंडर को रद्द कर उसे दूरस्थ समाधान दिखा दिया। इसके बाद से ही यह काम ठप गया है। वहां ताड़ीघाट-मऊ रेल परियोजना के पहले चरण का कार्य और सीआरएस के पूरा हो जाने के बाद भी इस नए रूट पर ट्रेनों के संचालन को लेकर संकट के बादल जमा रहे हैं। शुरुआत में काम की तेजी से लग रही थी, जिससे लगता था कि यह काम समय पर पूरा हो जाएगा। परंतु समय बीतते बीतते, लोगों में निराशा का भाव फैल गया।
मालूम हो कि इस रूट पर 52 किलो पुरानी ट्रैक की जगह 60 किलो की नई ट्रैक लगाने के साथ ही नया स्लीपर भी लगाया जाना है। महकमें के अनुसार पीक्यूआरएस सिस्टम से बिछाई गई पटरियां बहुत अधिक मजबूत होने के साथ ही इनमें मानवीय चूक और तकनीकी खामी की सम्भावना नहीं रहती है। इस संबंध में पीडब्लूआई दिलीप कुमार ने बताया कि पूर्व में पीक्यूआरएस कार्य में लापरवाही पर तत्कालीन कार्यदायी संस्था को बाहर कर दिया गया है। बताया कि अभी शेष बचे हुए काम के लिए टेंडर की प्रक्रिया नहीं हुई है। टेंडर होते ही काम युद्धस्तर पर शुरू करा दिया जाएगा।