गाजीपुर जिले के ताड़ीघाट-मऊ रेल विस्तारीकरण परियोजना के तहत शहर के घाट में 600 मीटर लंबे नए रेलवे स्टेशन का निर्माण करने का कार्य चल रहा है। इस कार्य की गति धीमी होने के कारण, यह 6 साल बाद भी अधूरा है। अभी तक लगभग 80 फीसदी निर्माण का कार्य पूरा हुआ है। विभाग के अनुसार, इसे साल के अंत तक पूरा करने की उम्मीद है, लेकिन अभी और काम बाकी हैं।
इस निर्माणाधीन स्टेशन में प्लेटफॉर्म की ढलाई, फुट ओवरब्रिज, सर्कुलेटिंग एरिया, पेयजल, शौचालय, शेल्टर, प्लेटफॉर्म पर रोशनी के लिए लाइट के साथ-साथ ट्रेनों के सुरक्षित और संरक्षित संचालन के लिए रिले और पैनल कक्षों में आधुनिक मशीनरी को लगाने का काम अभी बाकी है।
इसके बाद ही ट्रेनों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यार्ड परिसर में तीन नई लाइन और तीन प्लेटफॉर्मों के काउंटर फोर्टवाल लगाने और मिट्टी भराई का काम पूरा हो चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि इसका निर्माण काम धीमा चल रहा है। ऐसे में नहीं लगता है कि साल के अंत तक यह पूरी तरह से तैयार हो सकेगा।
लोगों ने मांग की है कि इसके निर्माण में तेजी लाई जाए ताकि इसका निर्माण पूरा होने के बाद इससे क्षेत्रीय और जनपद के लोगों को लाभ मिल सके। जानकारी के अनुसार, 1962 में तत्कालीन सरकार ने गठित पटेल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर वर्तमान सरकार ने क्षेत्र और जिले में बेहतर रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की मंजूरी दी थी।
इसके बाद, 14 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री ने गाजीपुर आकर इस महत्वपूर्ण परियोजना की आधारशिला रखी थी। आरवीएनएल के परियोजना निदेशक जीवेश ठाकुर ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसे दिसंबर तक पूरा करने का समय-सीमा निर्धारित की गई है। बताया गया है कि शेष कार्य भी जल्द ही पूरा हो जाएगा।