टमाटर की महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सैदपुर सब्जी मंडी में मंगलवार को टमाटर की कीमत 90 रुपए प्रति किलो से निर्धारित की गई। इसे भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित के नेतृत्व में संचालित राष्ट्रीय कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (एनसीसीएफ) ने खरीदा। लेकिन इसका लाभ आम लोगों के बजाय मंडी में खरीदारी करने आए दुकानदारों को ही मिला।
इस दौरान, प्रत्येक व्यक्ति ने अधिकतम 5 किलो तक की मात्रा में टमाटर खरीदे। हालांकि, इससे आम लोगों को कोई लाभ नहीं मिला। टमाटर की सस्ती कीमतों पर बेचे जा रहे टमाटर को अधिकांश सब्जी दुकानदारों ने खरीदा। इन्हें दुकान पर आने के बाद, दुकानदारों ने इसे 160 रुपए प्रति किलो की दर पर बेचा। इस प्रकार, एनसीसीएफ द्वारा 90 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदे गए टमाटर का लाभ आमजन को मिलने के बजाय सब्जी दुकानदारों को अधिक मिला। इसके परिणामस्वरूप, स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति आक्रोश देखने को मिला।
इसलिए, विक्रेताओं की बजाय उपभोक्ताओं को लाभ मिलना चाहिए। आम लोगों का कहना है कि अगर सरकार आमजन को टमाटर की महंगाई से राहत देना चाहती है, तो वह टमाटर की बिक्री रहेशी इलाकों में ही करानी चाहिए। साथ ही, किसी व्यक्ति को 1 किलो से अधिक टमाटर नहीं देना चाहिए।
इससे इस व्यवस्था का लाभ सीधे आम लोगों को ही प्राप्त हो सकेगा, जिससे हम महंगाई के मामले में राहत के अवसर का लाभ उठा सकेंगे। हमारे किचन का बजट नियंत्रण में रहेगा। अगर टमाटर को सस्ते दर पर ही बेचा जाएगा, तो इसका लाभ सब्जी विक्रेताओं के अलावा आम लोग नहीं उठा सकेंगे।