दसवीं मुहर्रम के मौके पर आज गाजीपुर में 35-40 फिट ऊंचे ताजिये का जुलूस निकाला गया। करीमुद्दीनपुर के उतरांव गांव में हर वर्ष दसवीं मुहर्रम पर निकाले जाने वाले ताजिये के इस जुलूस को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे रहे। रवायत के मुताबिक इतने ऊंचे ताजिये के इस जुलूस में परंपराओं का भी पालन किया जाता है। यह हिंदू मुस्लिम एकता और सद्भावना का प्रतीक है।
दसवीं मुहर्रम को निकलने वाले इस जुलूस में कई ताजिये शामिल होते हैं। हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में निकलने वाले ताजियों के इस जुलूस में क्षेत्र के लोग शामिल होते हैं। ऊंचे ताजिये बनाने का काम महीनों पहले शुरू हो जाता है। दसवीं मुहर्रम को निकाले गए ताजियों के इस जलूस के दौरान क्षेत्र की गलियों में हसन हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। इस दौरान सोजख्वानी, नौहा और मातम का दौर भी जारी रहा।
कई कमेटियों ने निकाला जुलूस। जनपद गाजीपुर में 10वीं मोहर्रम के अवसर पर जनपद में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कमेटियों के ताजियादारों द्वारा मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। जो अपने तय मार्गों से घूमते हुए इमाम बाड़े तक पहुंचा। इस अवसर पर मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों ने मातम भी करते हुए नजर आए। मातम के बाद इन लोगों ने इमामबाड़े में ताजिया को दफ़न करने का काम किया।