उच्च न्यायालय के आदेश पर सोमवार को स्थानीय तहसील प्रशासन की टीम सोनबरस गांव पहुंची और पोखरी की भूमि पर अतिक्रमण करने वालों को देर शाम तक खाली करने का निर्देश दिया गया। इसके लिए सभी के मकानों पर नोटिस चस्पा किया गया है।
कासिमाबाद-रसड़ा मार्ग पर एक दर्जन के लगभग मकान और दुकान लाखों रुपये की लागत से वर्षों से सड़क बनी हुई हैं। तहसील प्रशासन के इस आदेश से दुकानदारों और मकान मालिकों में हड़कंप मच गया है। सभी मकान और दुकान बचाने के लिए अंतिम विकल्प में लगे हुए हैं। सभी की निगाहें तहसील प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई पर लगी है।
सोनबरसा ग्राम पंचायत स्थित पोखरी की भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण किया जा रहा है। पक्का मकान और दुकान है। पोखरी की भूमि को खाली कराने के लिए सोनबरसा गांव निवासी जयराम यादव ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें भूमि अतिक्रमणमुक्त कराने का आग्रह किया था।
इसी क्रम में उच्च न्यायालय ने बीते 12 जुलाई 2023 को तहसील प्रशासन से संबंधित रिपोर्ट तलब किया था। इसके बाद तहसील प्रशासन हरकत में आया और अब आराजी की पैमाइश कर पोखरी के क्षेत्रफल में जितने मकान और दुकानें निर्मित हैं को खाली कराने का निर्देश दिया गया है। इस संबंध में तहसीलदार जया सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में खाली कराने की कार्रवाई की जा रही है।