कारगिल दिवस के अवसर पर गाजीपुर में सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय पर लोगों ने शहीदों को याद किया। सैन्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा एक कार्यक्रम के तहत गाजीपुर के कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
इस मौके पर लोगों ने कारगिल शहीदों के स्मृति स्तंभ पर पुष्प अर्पित किए और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। गाजीपुर के छह जवानों ने कारगिल युद्ध में देश की रक्षा में अपनी जान न्यौछावर कर दी थी। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर गाजीपुर सैनिक कल्याण एवं पुनर्नवास केंद्र पर विजय दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहीदों के बलिदान को विस्तार से चर्चा की गई।
26 जुलाई को मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस। 1999 में हुए कारगिल युद्ध में विजय के बाद प्रत्येक 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में जिले के छः जवान कमलेश सिंह, शेषनाथ सिंह यादव, संजय कुमार सिंह यादव, मुहम्मद इश्तियाक खां, रामदुलार यादव और जय प्रकाश यादव शहीद हुए थे। उपस्थित लोगों द्वारा स्मारक पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर कर्नल अरुण कुमार सिंह के साथ तमाम भूतपूर्व सैनिक आदि लोग मौजूद रहे।
वीर सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी। 24 साल पहले, 26 जुलाई के दिन ही भारत के वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करते हुए पाकिस्तानी आतंकवादियों को खदेड़ दिया था। हर साल 26 जुलाई को वह वीर सपूत जो वीरगति को प्राप्त होते हैं, उन्हें 'विजय दिवस' के रूप में याद किया जाता है।
आज का दिन 'ऑपरेशन विजय' की सफलता का प्रतीक माना जाता है। साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच चले कारगिल युद्ध का यह दिन मार्क्सिस्ट वादी सेना के शासक आतंकवादियों को पूरी तरह से पराजित करने के लिए याद किया जाता है। इस युद्ध में गाजीपुर के कई वीर सैनिकों ने अपनी जान न्यौछावर कर दी थी, लेकिन वे एक इंच भी पीछे हटने से इंकार करते थे।