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जिले में पड़नी थी बारिश की फुहारें, लेकिन खेतों में दरारें पड़ी हुई हैं

गाजीपुर जिले में अभी तक मात्र 70 प्रतिशत ही धान की रोपाई हो सकी है। बारिश की बेरूखी और अघोषित बिजली कटौती के साथ फॉल्ट के अलावा नहर में पानी न आने से शेष तीस प्रतिशत रोपाई की आस भी अब टूटती नजर आ रही है। स्थिति यह है कि अब तक मात्र 119 मिलीमीटर ही बारिश हो सकी है। सावन माह में जहां रिमझिम फुहारें बरसनी थीं वहीं खेतों में दरारें पड़ीं हैं और सड़कों पर धूल उड़ रही है।

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जनपद में एक लाख 47 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होनी है। ऐसे में पर्याप्त बारिश न होने के कारण अभी भी कई इलाकों में धान की रोपाई नहीं हो सकी है। बारिश की स्थिति काफी खराब है। आंकड़ों को देखा जाए तो बीते वर्ष जुलाई माह में 154.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी।

यहीं नहीं लो-वोल्टेज, अघोषित बिजली कटौती और नहर में पानी न होने से शेष भूमि पर धान की रोपाई पर ग्रहण लगता तो दिख ही रहा है, वहीं जिन खेतों में धान की रोपाई हो चुकी है, उन्हें बचाने के जद्दोजहद में किसान किसी तरह निजी ट्यूबवेल चलाकर सिंचाई कर रहे हैं। ऐसे में लक्ष्य के अनुरूप धान की रोपाई न होने से उत्पादन पर भी असर पड़ने की संभावना किसानों द्वारा जताई जा रही है।

बारिश नहीं होने के चलते धान की खेती प्रभावित होने के चलते अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरे दिखाई देने लगी है। सिधागरघाट, महड़ौर, अवराकोल, पाली, सुरवत, आदि क्षेत्रों के किसान अब उम्मीद भरी निगाहों से आसमान देख रहे हैं। बारिश न होने से फसल सूख रही हैं और खेतों में दरारें पड़ने लगी है।

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