गाजीपुर डिपो में परिवहन निगम द्वारा चार बसों का कंडम घोषित कर दिया गया है। इन बसों के नीलामी के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। लेकिन, अभी तक अनुमति न मिलने के कारण ये बसें अलग-अलग रूटों पर चल रही हैं। जबकि सभी बसें 10 साल में 11 लाख किमी. से अधिक का सफर तय कर चुकी हैं। नियमानुसार अब ये सड़क पर नहीं चलाई जा सकती हैं।
गाजीपुर डिपो के बेड़े में वर्तमान में 67 बसें हैं। इन बसों का संचालन दिल्ली, मथुरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज और आसपास के अन्य जिलों जैसे गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, मऊ के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बसें चलाई जा रही हैं।
डिपो की कई बसें पुरानी और जर्जर हो गई हैं। परिवहन निगम के मुख्यालय से इसकी जानकारी मांगी गई थी। इसके मुताबिक, 10 वर्षों में 11 लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुकी बसों को डिपो के बेड़े से बाहर ले जाने की योजना बनी थी। इन बसों के नीलामी के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। इस दौरान, डिपो में स्थित पांच बसों की नीलामी के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया था।
हालांकि, अभी तक केवल एक बस के नीलाम करने की अनुमति मिली है, जिसका संचालन बंद कर दिया गया है। जबकि चार कंडम बसों को विभिन्न रूटों पर चलाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि निगम की तरफ से इन बसों को नीलामी मिलते ही मार्ग से हटा दिया जाएगा, क्योंकि ये बसें कंडम घोषित हो चुकी हैं।
इस तरह, 10 वर्षों में 11 लाख किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर चुकीं पांच बसें नीलाम की जा रही हैं। मुख्यालय से इनके नीलामी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे अब अनुमति मिली है। एक बस को नीलाम कर दिया गया है, जो कि संचालन रोक दिया गया है। शेष चार बसों को भी अनुमति प्राप्त होने पर मार्ग से हटा दिया जाएगा।