हसनपुरा गांव के पास स्थित एक पुलिया, जो गाजीपुर जिले के दर्जनों गांवों को जोड़ती है, और उसका एप्रोच मार्ग पिछले 10 साल से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके कारण, आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है और स्थानीय लोगों में सरकारी उदासीनता के कारण आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
कहा जाता है कि इसकी मरम्मत और निर्माण के लिए दो साल पहले शासन को 1.5 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अब तक उसे मंजूर नहीं किया गया है। इसके कारण, नया निर्माण अभी तक नहीं हुआ है। मजबूरी में, यात्रियों को लगभग 15 किलोमीटर अधिक चलना पड़ रहा है ताकि वे अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।
शिकायत के बावजूद कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने पहले से कई बार अधिकारियों को शिकायत दर्ज की है, लेकिन अभी तक स्थिति वैसी ही है। ग्रामीणों जवाहिर राम, पुष्पा, बिमला देवी, सुजित राय, दीनबंधु राय और मुनौवर ने बताया है कि पुल की मरम्मत और एप्रोच मार्ग के बजाय, महकमे ने इसे खराब होने और यात्रा नहीं होने की जानकारी देने वाला बोर्ड लगा दिया है। लोगों ने बताया है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और अन्य अधिकारियों की ओर से इससे जुड़ी शिकायतों को ध्यान में नहीं लिया जा रहा है। इसके बावजूद, क्षेत्रीय यात्रियों ने पैदल या साइकिल से आवागमन करना शुरू कर दिया है। यह अक्सर एक बड़ी हादसे की वजह बन सकता है।
ताजगी के मुताबिक, 1996 में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन सांसद और वर्तमान एलजी मनोज सिन्हा द्वारा करीब करोड़ रुपये की लागत से पुलिया और सड़क का निर्माण लोगों की मांग पर किया गयाथा। हालांकि, इसकी देखरेख और मरम्मत न होने के कारण, 2013 में यह पुलिया और उसका एप्रोच मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया, जो अभी तक ठीक कर दिया गया है।
लोगों ने रोष के साथ कहा है कि इसका निर्माण जल्द से जल्द शुरू कराया जाए, ताकि लोगों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिल सके। लोनिवि के अवर अभियंता शालिग्राम ने बताया है कि पुलिया और एप्रोच मार्ग के निर्माण के लिए शासन को पहले से ही 1.5 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है, जो अभी तक मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन प्रस्ताव मंजूर होने पर निर्माण कार्य तुरंत आरंभ किया जाएगा।