देशभर में रोड कनेक्टिविटी को बढ़ाने और बड़े-बड़े शहरों को आपस में जोड़ने के लिए तेजी से एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश में इसी सिलसिले में एक महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे का निर्माण होने जा रहा है। योगी सरकार गोरखपुर से शामली के बीच 700 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण करने जा रही है। इस पूर्वी यूपी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच बनने वाले एक्सप्रेसवे से न केवल उत्तर प्रदेश के शहरों से गुजरेगा, बल्कि अन्य राज्यों से भी कनेक्ट रहेगा।
वास्तव में, इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की तैयारियों को लेकर पिछले कई महीनों से कयास लगाए जा रहे थे। इस दौरान लखनऊ में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यूपी में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर शुरू हुई करोड़ों रुपये की परियोजना के शुभारंभ पर इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का ऐलान भी किया। इससे उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
यह एक्सप्रेसवे क्यों खास है
लखनऊ में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2024 तक यूपी को 5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी जाएगी। इसमें 25,000 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6 लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे हाईवे बनाया जा रहा है। वहीं, गोरखपुर से शामली तक 35,000 करोड़ रुपये की लागत से एक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की भी योजना बनाई गई है और इसके लिए जल्द ही निविदाएं जारी की जाएंगी।
शामली-गोरखपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर यूपी का तीसरा सबसे बडा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा और यूपी के 22 जिलों व 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। खास बात है कि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे पंजाब नार्थ ईस्ट कारिडोर का एक हिस्सा है। इस एक्सप्रेसवे से पूरे इलाके में रोड कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
22 जिलों से हो कर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे शामली जिले के गोगवान जलालपुर के पास से शुरू होकर गोरखपुर तक प्रस्तावित है। गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे गोरखपुर और शामली समेत उत्तर प्रदेश के 22 जिलों अयोध्या, संतकबीरनगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुज़फ्फरनगर और सहारनपुर से होकर गुजरेगा।