दिनांक 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से गाजीपुर सिटी-औड़िहार खंड, औड़िहार-जौनपुर खंड और भटनी-औड़िहार रेल खंड का लोकार्पण करेंगे। इससे इस रेल खंड पर ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रेलवे से बहुत लाभ मिलेगा।
वर्ष 1903 में गाजीपुर घाट से औड़िहार तक मीटर गेज रेल लाइन का निर्माण पूरा हुआ। दूरस्थ यात्रियों को ट्रेन बदलने की समस्या को देखते हुए भारतीय रेलवे ने मल्टीगेज प्रणाली के प्रचलन पर यूनिगेज नीति को अपनाया।
वर्ष 1997 में गाजीपुर सिटी-औड़िहार खंड (40 किमी) का विस्तार पूरा हुआ। बढ़ती ट्रेनों की संख्या के कारण यातायात के दबाव को देखते हुए रेल मंत्रालय ने इस खंड के दोहरीकरण की मंजूरी दी। औड़िहार, नंदगंज, तरांव, अंकुशपुर और गाजीपुर सिटी स्टेशन तक 360 करोड़ रुपये का खंडदोहा करने का निर्णय लिया गया।
इस परियोजना के पूरा होने से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-प्रयागराज खंड पर यातायात का दबाव कम होगा। इसके साथ ही सारनाथ और वाराणसी के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे औड़िहार, सारनाथ और वाराणसी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
औंड़िहार-जौनपुर रेल खंड (60 किमी) का दोहरीकरण और विद्युतीकरण 482 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण हुआ। इस दोहरीकृत खंड पर, जो गाजीपुर और जौनपुर जनपद से गुजरता है, औड़िहार, फरिदहा, दुधौंडा, डोभी, केराकत, गंगौली, मुफ्तीगंज, यादवेन्द्र नगर और जौनपुर स्टेशन स्थित हैं। इस दोहरीकरण परियोजना के पूरा होने से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-प्रयागराज खंड पर यातायात का दबाव कम होगा।
भटनी-औड़िहार खंड का विद्युतीकरण 238 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया। इस खंड पर विद्युत इंजन चालित ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।