गाजीपुर जिले के ताड़ीघाट-दिलदारनगर ब्रांच लाइन पर चलने वाली एकमात्र स्पेशल पैसेंजर ट्रेन, जिसका निर्माण यात्रियों के चलते महकमे और सरकार के लिए हर रोज़ घाटे का साबित हो रहा है। इसके बावजूद, जिम्मेदार इसके प्रति पूरी तरह से मौनी हैं।
इस ट्रेन से प्रतिदिन चार हजार से अधिक यात्री यात्रा करते हैं, लेकिन टिकट की कटौती सिर्फ़ 150 से 200 के आसपास ही होती है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि ऐसा लगता है कि रेलवे महकमे पूरी तरह से बेबस हो चुके हैं जबकि ये ट्रेन रेवेन्यू का नुकसान कर रही है।
इसके परिणामस्वरूप, ऐसा सोचना आसान है कि रेलवे और सरकार को कितना बड़ा राजस्व का नुकसान हो रहा है। लोगों ने बताया कि ब्रांच लाइन के 141 साल के इतिहास में कभी भी ऐसा मौका नहीं आया कि ये ट्रेन लाभप्रद हो सके। इस ट्रेन में 8 बोगी होती हैं और कुल मिलाकर 720 सीटें होती हैं। यह ट्रेन तीन बार आती है और उतनी ही बार वापस जाती है। इस आधार पर, हर रोज़ 4320 यात्री इस ट्रेन से यात्रा करते हैं, लेकिन बस 4% यात्री टिकट लेकर चलते हैं और बाकी बिना टिकट के यात्रा करते हैं।
लोगों ने बताया कि टिकट लेने वाले यात्री रेलवे को पूरी तरह से भारी पड़ रहे हैं, इसलिए टिकट की जांच कभी भी होने की उम्मीद नहीं होती। हालांकि, स्टेशन पर ध्वनिविस्तारक यंत्रों के माध्यम से लोगों को यात्रा के बारे में सूचना दी जाती है।
यात्रियों ने बताया कि टिकट लेने वाले यात्री अप्रत्याशित जमानत से जूझ रहे हैं, लेकिन इस बारे में कोई चिंता नहीं है। टीआई संजय कुमार ने इस बारे में बताया कि जल्द ही टिकट लेने वाले यात्रियों के खिलाफ सख्त जांच अभियान शुरू किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।