गाजीपुर के बाढ़ की स्थिति को देखते हुए बचाव व राहत कार्यों के प्रबंधन की तैयारियों की डीएम एवं पुलिस अधीक्षक ने जनपदस्तरीय अधिकारियों से समीक्षा की। डीएम ने बाढ़ प्रभावित होने वाले ग्रामों की जानकारी लेते हुए बचाव एवं राहत कार्यों के प्रबंधन के आवश्यक निर्देश दिए।
डीएम ने जिला आपदा नियंत्रण कक्ष को 24 घण्टे संचालन का निर्देश दिया। इसके साथ बाढ़ प्रभावित परिवारों को खाद्यान्न एवं अन्य राहत सामग्री हेतु प्रि-टेण्डरिंग की जानकारी ली। उन्होंने नगरीय क्षेत्रों में नालों आदि की सफाई तथा जल भराव आदि की दशा में जल निकासी हेतु आवश्यक पम्प आदि की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया।
पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था
उन्होंने तटबन्धों व बन्धों के कटान एवं दरार आदि को रोकने नहर नालों से खरपतवार, भवन निर्माण समाग्री, मलबों को हटाये जाने सम्बन्धित कार्य, मार्ग में आई दरारों, गड्ढों का भराव, ड्रेनेज, सीवरेज से मलबे की निकासी, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त वांछित दवाईयों की उपलब्धता, सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने के कारण वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था, पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था, जिले में स्थापित बाढ़ चौकियों की 24 घण्टे क्रियाशीलता, राहत एवं बचाव कार्यों हेतु नावों की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया।
बैठक में बताया गया कि जिले के सात तहसीलों यथा सैदपुर, जमानिया, सेवराई, मुहम्मदाबाद, कासिमाबाद, जखनिया एवं सदर में कुल 82 अतिसंवेदनशील, 104 संवेदनशील एवं 387 सामान्य ग्राम हैं। जो बाढ़ की स्थिति में प्रभावित हो सकते हैं। जिले में कुल 124 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। बाढ़ के दौरान आपदा से निपटने के लिए 197 मझोली एंव 104 बड़ी नावों, 27 गोताखोर, 364 नाविकों को लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 24 बाढ़ राहत केन्द्र, 29 शरणालयों की स्थापना की गई है। बचाव राहत कार्य हेतु 517 आपदा मित्रों को तैनात किया गया है।